राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति के धुर-विरोधी माने जाने वाले लालू यादव ने खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि जातिवादी, नफरत वाली और संविधान विरोधी ताकतों के सामने झुकने से मैं मना करता हूं, इसके बदले में चाहे मुझे फांसी क्यों ना हो जाए।

दरअसल वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने एक न्यूज़ पोर्टल के लिए लेख लिखा- जिसका शीर्षक है ‘लालू प्रसाद यादव से आखिर बीजेपी इतना क्यों डरती है ?’

इसी लेख को शेयर करते हुए ट्विटर पर लालू प्रसाद यादव के ऑफिशियल आईडी से लिखा जाता है-

‘क्योंकि मैं इनके दुष्प्रचार,लालच, प्रतिशोध, प्रताड़ना और किसी प्रकार की ब्लैकमेलिंग से नहीं डरता। क्योंकि इनकी जातिवादी, नफ़रतवादी, संविधान व इंसान विरोधी ज़हरीली राजनीति का सबसे मुखर विरोधी हूँ। सिद्धांतो से समझौता नहीं कर सकता चाहे क्यों ना फाँसी हो जाए।’

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लालू यादव का यह ट्वीट ना सिर्फ उस सवाल का जवाब देता है कि बीजेपी और आरएसएस लालू से क्यों इतना डरते हैं बल्कि इस बात को भी स्पष्ट कर देता है कि भले ही बीमारियों से लालू यादव की शरीर कमजोर हो गई हो लेकिन सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ वह अभी भी मजबूती से खड़े हुए हुए हैं।

दरअसल लालू यादव चारा घोटाले से जुड़े मामले में सजा पाने के बाद इन दिनों जेल में है। वहीं से उनका रांची के रिम्स में इलाज हो रहा है।

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इसी बीच सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने बड़े खुलासे किए कि आईआरसीटीसी से जुड़े एक मामले में किस तरह से लालू को फंसाने के लिए बीजेपी और नीतीश ने साजिश रची थी। जिससे इन दिनों लालू यादव के साथ ना सिर्फ सहानुभूति बल्कि जनसमर्थन बढ़ता जा रहा है।

आईआरसीटीसी मामले में साजिश के खुलासे के बाद लोगों का मानना है कि इसी तरह की तमाम साजिशों से उन्हें चारा घोटाले में भी फंसाया गया होगा।

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