सियासी दुश्मनी की इससे बदतर और बेकार मिसाल और नहीं हो सकती है। मध्यप्रदेश में चुनाव हारने से बौखलाई बीजेपी सरकार ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में मध्यप्रदेश की झाँकी को शामिल करने से मना कर दिया है।

26 जनवरी के दिन देश की राजधानी दिल्ली के राजपथ पर विभिन्न कार्यक्रम होते हैं। इसमें हर राज्य की ख़ासियत बताती झाँकियाँ… उस राज्य की सांस्कृतिक धरोहरों को संजोए झाँकियों की प्रदर्शनी की जाती है।

ऐसे में मप्र की झाँकी को परमिशन न देना तानाशाही का सबसे निम्नस्तर है। मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती की थीम पर झाँकी निकालना चाहती थी लेकिन रक्षा मंत्रालय ने झाँकी की डिज़ाइन को नामंज़ूर करते हुए, झाँकी को मना कर दिया।

कांग्रेस का आरोप है कि, केंद्र की बीजेपी सरकार ने न सिर्फ़ मध्य प्रदेश की झाँकी को रोका है बल्कि जहाँ-जहाँ कांग्रेस ने हालिया विधानसभा चुनाव जीते हैं, वहाँ की झाँकियो को भी रोका है। यानी मध्यप्रदेश की झाँकी के साथ राजस्थान और छत्तीसगढ़ की झाँकी की प्रदर्शनी को भी रोक दिया है।

मध्यप्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि-

हार का बदला प्रदेश के गौरव से :

गणतंत्र दिवस परेड में शामिल झाँकी राज्यों का गौरव और जनता का मान, सम्मान और अभिमान होती है।

मोदी ने मप्र, छग और राजस्थान की झाँकी को बाहर कर प्रदेश के शीश को रौंदने, कुचलने और अपमानित करने का घृणित और कुत्सित कार्य किया है।

जनता माफ नही करेगी।

इसी तरह एक दूसरा ट्वीट किया गया कि-

मोदी ने लिया 3 राज्यों से बदला :

राजपथ के गणतंत्र दिवस परेड से मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की झांकी को बाहर किया..!

मोदी जी,

चुनावी हार का बदला राज्यों की अस्मिता और स्वाभिमान से..?

ये भाजपा और मोदी का सबसे निम्न स्तरीय बदला है।

घोर निंदनीय

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