जस्टिस एके सीकरी ने एम नागेश्वर राव को CBI का अंतरिम निदेशक नियुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। नागेश्वर राव को केंद्र की मोदी सरकार ने सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया है।
जस्टिस एके सीकरी ने सुनवाई के दौरान कहा कि ये मामला काफी दिलचस्प और महत्वपूर्ण है। लेकिन वह इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते और खुद को इससे अलग कर रहे हैं। इसकी सुनवाई कल एक दूसरी बेंच करेगी। वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने मांग की थी कि जस्टिस सीकरी ही इस मामले को सुनें।
दुष्यंत दवे ने मांग करते हुए कहा कि सेलेक्ट कमेटी की बैठक होनी है, इसलिए अगर मामला नहीं सुना गया तो काफी निराशाजनक होगा। बता दें कि ये याचिका एक एनजीओ कॉमन कॉज द्वारा दाखिल की गई है।
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इस मामले पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोशल मीडिया के ज़रिए तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “जिस देश के न्यायाधीश ख़ुद भयभीत हैं वो न्याय क्या करेंगे”?
जिस देश के न्यायाधीश ख़ुद भयभीत हैं वो न्याय क्या करेंगे? https://t.co/MVj7IgmkLZ
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) January 25, 2019
वहीं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर कहा, ‘CBI के अतंरिम निदेशक नागेश्वर राव मामले में सुनवाई से खुद को हटाकर बचा लिया है। इससे पहले सीजेआई गोगोई ने नए CBI डायरेक्टर के चयन करने वाली हाई पावर कमेटी से खुद को हटा लिया था।’
Justice Sikri also recused himself from hearing our petition challenging the appt of interim CBI Dir Nageshwar Rao. Earlier the CJI had recused himself saying that he is in the HPC meeting today to select new Director. Petition is made almost infructuoushttps://t.co/HPAk4qAl2a
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 24, 2019
ग़ौरतलब है कि जस्टिस सीकरी सीबीआई निदेशक अलोक वर्मा को पद से हटाने वाली सेलेक्ट कमेटी का हिस्सा थे।
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इस कमेटी ने आलोक वर्मा को सुने बिना ही उन्हें CBI निदेशक पद से हटाने का फरमान सुनाया था। हालांकि विपक्ष के नेता मल्लिकार्जन खड़गे ने इस फैसले का विरोध किया था।