महाराष्ट्र की सियासत में शनिवार सुबह ऐसा उलटफेर हुआ जिसने सबको हैरान कर दिया। बीजेपी ने रातोंरात बाजी पलटते हुए एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। दिलचस्प बात तो ये रही कि इस गठबंधन की भनक ख़ुद एनसीपी के मुखिया शरद पवार को भी नहीं लगी।
सुबह करीब आठ बजे राजभवन में राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद और एनसीपी नेता अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। चोर दरवाज़े से बनाई गई इस सरकार की ख़बर एनसीपी मुखिया शरद पवार को तब लगी जब सीएम पद की शपथ ले ली गई।
शरद पवार का कहना है कि ये एनसीपी का निर्णय नहीं है, अजीत पवार ने विधायकों को तोड़कर सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है। उनके खिलाफ़ पार्टी अनुशासनहीनता की कार्रवाई करेगी।
बता दें कि आज सुबह तक महाराष्ट्र में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी गठबंधन की सरकार बनने की चर्चा चल रही थी। तीनों दल उद्धव ठाकरे को सीएम बनाने पर सहमत भी हो गए थे और चर्चा थी कि आज औपचारिक तौर पर वे राज्यपाल से मिलकर दावा पेश करते, लेकिन इसी बीच फडणवीस दोबारा सीएम बन गए।
खैर, राजनीतिक दलों का तमाशा चलता रहता है लेकिन राज्यपाल ने तो देश की संवैधानिक संस्थाओं का भी तमाशा ही बना दिया। जो राज्यपाल समय पर चिट्ठी लिखने में आनाकानी कर रहे थे, जो राज्यपाल जल्दबाजी में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर चुके थे, वो सुबह-सुबह उठकर राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश कर देते हैं और दिल्ली में बैठे महामहिम की तेज़ी तो देखिए तुरंत सिफारिश को मंजूर भी कर लेते हैं। जिसके बाद महाराष्ट्र में कुछ ही मिनटों के अंदर नई सरकार शपथ ग्रहण कर लेती है।
इस घटना को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का तमाशा बनाना इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बीजेपी और एनसीपी की सरकार विधिवत प्रक्रिया के तहत भी सरकार बना सकती थी। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया, उसने सरकार बनाने के लिए चोर दरवाज़े का इस्तेमाल किया। जिसपर सवाल उठाए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर लिखा, “महाराष्ट्र में रातोरात बैठक हुई, सहमति बनी, निर्णय हुआ, महामहिम से समय मांगा, समय मिला, सरकार बनाने का दावा पेश हुआ, राष्ट्रपति शासन हटाने की प्रक्रिया भी हुई, महामहिम राज्यपाल जी ने आमंत्रित किया और अहले सुबह शपथग्रहण हो गया। वाह! क्या सर्जीकल स्ट्राइक हुआ है लोकतंत्र पर!”
#महाराष्ट्र में रातोरात बैठक हुई, सहमति बनी, निर्णय हुआ, महामहिम से समय मांगा, समय मिला, सरकार बनाने का दावा पेश हुआ, राष्ट्रपति शासन हटाने की प्रक्रिया भी हुई, महामहिम राज्यपाल जी ने आमंत्रित किया और अहले सुबह शपथग्रहण हो गया।
वाह ! क्या सर्जीकल स्ट्राइक हुआ है लोकतंत्र पर !
— Upendra Kushwaha (@UpendraRLSP) November 23, 2019
कुशवाहा ने एक और ट्वीट कर लिखा, “भ्रष्टाचार के डर से जेल जाने से बचना है तो भाजपा के आगे घुटना टेकना होगा”।
भ्रष्टाचार के डर से जेल जाने से बचना है तो भाजपा के आगे घुटना टेकना होगा ।#MaharashtraGovtFormation #MaharashtraPolitics https://t.co/VCHhd9KpSf
— Upendra Kushwaha (@UpendraRLSP) November 23, 2019
बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव 21 अक्टूबर को हुए थे और परिणाम 24 अक्टूबर को आए थे। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सर्वाधिक 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें हासिल हुईं थीं। बहुमत के लिए 145 प्रत्याशियों का समर्थन आवश्यक है। 30 नवंबर को विधानसभा में नई सरकार को बहुमत साबित करना होगा।