PC - The Telegraph

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की बेटियों को बचाने और उनको पढाने के लिए नारा दिया था- ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’। वो अपने पहले कार्यकाल में इसे योजना के रूप में लेकर आए। हालाँकि, सरकार ने इस योजना को ज़मीन पर उतारने के बजाए केवल विज्ञापनों में छपाने का काम किया है। इसकी पुष्टि खुद भाजपा सांसद हीना विजयकुमार गावित ने की है।

दरअसल, गावित की अध्यक्षता वाली समिति ने लोकसभा में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ कैंपेन पर अपनी रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2016 से लेकर 2019 तक इस योजना के लिए 446.72 करोड़ रूपए आवंटित किए गए। लेकिन इसका 78.91 प्रतिशत केवल विज्ञापनों पर खर्च किया गया है।

महिला सशक्तिकरण पर बानी इस रिपोर्ट में लिखा है, “ये समिति मीडिया कैंपेन द्वारा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के प्रचार की एहमियत समझती है। लेकिन योजना के मकसद पर काम करना भी उतना ही ज़रूरी है।”

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर निशाना साधते हुए ‘आल इंडिया महिला कांग्रेस’ ने कहा है, “मोदी सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लगभग 80% फंड को केवल प्रचार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। स्मृति ईरानी और मोदी सरकार के लिए महिला सुरक्षा/एजुकेशन अपने प्रचार का ज़रिया है।”

 

ये पहली बार नहीं है कि जब इस योजना को लेकर सरकार की नियत पर सवाल खड़ा किया गया हो। वर्ष 2015 में हरियाणा से ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना को लॉच किया गया था। कैग (CAG) की एक रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में इस योजना का सही से इस्तेमाल नहीं किया गया। हर ज़िले को स्वास्थ्य विभाग द्वारा 5 लाख रूपए आवंटित किए जाने थे। लेकिन पानीपत में 3.01 लाख रूपए तो केवल योजना के लांच के दिन के लिए प्रवेश द्वार पर खर्च कर दिया गया।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री वीरेंद्र कुमार दो साल पहले ही बता चुके हैं कि सरकार द्वारा इस योजना के लिए वर्ष 2019 तक 364 करोड़ रूपए विज्ञापनों पर खर्च किए जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का दावा था कि इस योजना के ज़रिये वो चाइल्ड-सेक्स रेशियो को सुधारेंगे, लिंग-आधारित भेद-भाव को ख़त्म करेंगे, महिलाओं की सुरक्षा-शिक्षा और भागेदारी सुनिश्चित करेंगे। अफ़सोस, इसको केवल विज्ञापनों तक ही सीमित कर दिया गया है। हाँ, भाजपा ने इस योजना का इस्तेमाल चुनावों के दौरान अपने प्रचार के लिए ज़रूर किया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here