सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जिस किसान आंदोलन को विपक्ष की साज़िश बता रही है, उसके समर्थन में अब शहीद भगत सिंह के परिजन भी सड़कों पर उतर आए हैं।

शहीद की भांजी गुरजीत कौर किसानों का साथ देने के लिए टिकरी बॉर्डर पर पहुंच गई हैं। यहां उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही, उसने तानाशाही रुख अपना रखा है। इसलिए हम किसानों का साथ देने आए हैं।

एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए गुरजीत कौर ने कहा कि शहीद भगत सिंह की सोच किसानों-मज़दूरों का सिर ऊंचा देखने की थी। आज किसान तकलीफ में है। ये हर हिंदुस्तानी का फर्ज़ है कि वो मुश्किल की इस घड़ी में किसानों का साथ दे। मैं यहां अपने फर्ज़ को पूरा करने आई हूं।

किसानों की तकलीफ़ के ज़िक्र पर उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह ने आज़ादी के बाद जैसा भारत सोचा था वैसा तो बिल्कुल नहीं है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकार अपने लोगों की बात नहीं मान सकती।

जब किसान कह रहे हैं कि ये कानून उनके भले के लिए नहीं है तो फिर सरकार कौन होती है जो उनकी बात न माने। ये तो साफ़ तौर पर तानाशाही है।

शहीद की भांजी ने कहा कि लोगों का राज है और लोगों की बात है तो सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए। आंदोलन की तारीफ़ करते हुए गुरजीत ने कहा कि ये आंदोलन बेहद शांतिपूर्ण हो रहे हैं।

यहां किसी तरह की कोई ग़लत बात नहीं बोली जा रही। प्रधानमंत्री मोदी को इसपर सोचना चाहिए और आंदोलनकारियों की बात माननी चाहिए।

गुरजीत कौर ने यहां कानून को वापस लिए जाने की बात पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि किसान कानून में संशोधन नहीं चाहता वो चाहता है कि इसे वापस लिया जाए।

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कानून वापस नहीं लिया जा सकता? क्या सरकार किसानों से ज़्यादा जानती है कि उसकी भलाई किसमें है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश देते हुए शहीद की भांजी ने कहा कि मोदी जी आपने अपनी मर्ज़ी से बहुत कुछ लिया। अच्छे सूट पहन लिए, कॉर्पोरेट का साथ दे दिया।

याद रखिए आदमी हमेशा यहां नहीं रहना। यहां बस उसकी यादें रह जाती हैं। अगर आप अपनी जनता से प्यार करोगे तो हमेशा जनता के बीच रहोगे। आज भी आपके पास मौका है, आज आप इनकी मांगें मान लेंगे तो हमेशा इनके दिलों में आपके लिए प्यार रहेगा।

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