उत्तर प्रदेश पुलिस ने दावा किया है कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे को एनकाउंटर में मार दिया गया है। दावे के मुताबिक गाड़ी पलटने की वजह से विकास दुबे हथियार छीन कर भाग रहा था, जिसको कंट्रोल करने के लिए गोली चलानी पड़ी और उसकी मौत हो गई।
मगर लगभग तय और एकदम फिल्मी कहानी पर न मीडिया को यकीन हो रहा है ना ही विपक्षी दलों को।
सवाल उठ रहे हैं कि जिस अपराधी ने सरेंडर कर दिया था, उसको इतनी लापरवाही के साथ कैसे हैंडल किया जा रहा था? कहीं ये मनगढ़ंत कहानी तो नहीं है?
समाजवादी पार्टी के तमाम नेताओं ने तो आरोप लगाया है कि योगी सरकार के ऐसे राज खुल सकते थे जिससे उनकी सरकार गिर सकती थी इसलिए एनकाउंटर किया गया है।
इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग करती हैं।
ट्विटर पर उन्होंने लिखा- 1. कानपुर पुलिस हत्याकाण्ड की तथा साथ ही इसके मुख्य आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे को मध्यप्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए।
एक अन्य ट्वीट कर जरिए वो आगे लिखती हैं-
यह उच्च-स्तरीय जाँच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इन्साफ मिल सके। साथ ही, पुलिस व आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके। ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है।
इसके पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस एनकाउंटर पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है।”