उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने UPTET की परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने की घटना को गंभीर बताया है। उन्होंने लिखा है, ”जिस प्रकार सपा सरकार में नकल आम बात होती थी, उसी प्रकार भाजपा सरकार में भी पेपर लीक होने से यूपी में शिक्षकों की भर्ती के लिए आज की उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) का रद्द हो जाना अति-गंभीर मामला। करीब 21 लाख परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ उचित नहीं।”
मायावती अपने एक अन्य ट्वीट में लिखती हैं, ” यूपी सरकार इस ताजा घटना को पूरी गंभीरता से लेकर इसकी अति-शीघ्र उच्च-स्तरीय जाँच कराए एवं दोषियों को सख्त कानूनी सजा सुनिश्चित करे तथा आगे यथाशीघ्र इस परीक्षा को सुचारू रूप से कराने की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करे, बीएसपी की यह माँग।”
बता दें कि, प्रश्न पत्र लीक होने के कारण UPTET की परीक्षा को रद्ध कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, परीक्षा से पहले ही गाजियाबाद, मथुरा और बुलंदशहर में पेपर व्हाट्सएप पर वायरल हो गया था। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आनन-फानन में परीक्षा को रद्ध किया।
फिलहाल अभ्यर्थियों में खलबली मची है। परीक्षा केंद्रों के बाहर भीड़ को नियंत्रण करने के लिए फोर्स तैनात करना पड़ा है। कई जगहों से हंगामे की भी खबरें आ रही हैं। यह परीक्षा प्रदेश में 736 केंद्रो पर आयोजित किया जा रहा था। इसमें भाग लेने वाले उम्मीदवारों की कुल सख्या 19,99,418 थी।
आश्चर्य की बात ये है कि UPTET में पहली बार लाइव सीसीटीवी सर्विलांस की व्यवस्था की गई थी। इसका मकसद हर हाल में परीक्षा को नकल मुक्त बनाना था। हालांकि परीक्षा से पहले ही सरकार के तमाम दावों की धज्जियां उड़ गई।
बोलता उत्तर प्रदेश पर छपी एक खबर के मुताबिक, योगी सरकार की इस असफलता पर निशाना साधते हुए यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिखा है, ”UPTET 2021 की परीक्षा का पेपर लीक होने की वजह से रद्द होना बीसों लाख बेरोज़गार अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। भाजपा सरकार में पेपर लीक होना, परीक्षा व परिणाम रद्द होना आम बात है। उप्र शैक्षिक भ्रष्टाचार के चरम पर है। बेरोज़गारों का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा!”