कभी ये कहा जाता था कि, मदद ऐसे करनी चाहिए कि एक हाथ से दो तो दूसरे हाथ को भी पता न चले। अब चलन ऐसा है कि एक हाथ से मदद की जाती है और दूसरे हाथ से सेल्फी निकाल ली जाती है। ऐसे असंवेदनशील कृत्यों को सिर्फ सब्सक्राइबर्स के लालची यूट्यूबर्स नहीं करते, बल्कि सत्तालोलुप नेता, विधायक और सांसद भी करते हैं।
ताजा मामला भोपल का है। बीजेपी विधायक कृष्णा गौर की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वो अस्पताल के बिस्तर पर अचेत पड़े एक व्यक्ति की ऊंगलियों में चेक फंसाकर फोटो खिंचवा रही हैं। अपने प्रचार के लिए जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे किसी इंसान का इस्तेमाल कर लेना, सत्ता का हवस नहीं तो और क्या है? मदद के नाम पर बरती गयी ये असंवेदनशीलता क्या अश्लीलता नहीं है?
अगर प्रचार के लिए मनुष्यता को खारिज किया जा सकता है तो गोविंदपुरा विधानसभा से बीजेपी विधायक कृष्णा के लिए एक और मौका है। सूचना आ रही है कि कृष्णा गौर ने जिनकी ऊंगलियों में चेक फंसाकर फोटो खिंचवायी थी उनकी मौत हो गई। अब एक तस्वीर लाश के साथ भी खिंचवा लें!
भाजपा विधायक ने जिस शख्स का इस्तेमाल अपने प्रचार के लिए किया, वो भोपाल के ऑटो पार्ट्स व्यापारी संजीव जोशी थे। कर्ज से परेशान होकर संजीव ने अपनी दो बेटियों, पत्नी और मां के साथ जहर पी लिया था। दोनों बेटियों और मां की मौत तो पहले ही चुकी थी, अब संजीव भी नहीं रहें। ऐसे में भाजपा विधायक के लिए ये अच्छा मौका हो सकता है ”सेल्फी विद लाश” के लिए। क्या पता इससे ही कुछ वोट बढ़ जाए, या क्षेत्र में मदद करने वाली विधायक के रूप में डंका बज जाए!
खैर, इस सामूहिक आत्महत्या मामले में एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें बच्चियों ने दो महिलाओं को आरोपी बताया है। पुलिस ने 4 महिला सूदखोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।