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मई 2018 में कोबरा पोस्ट ने ‘ऑपरेशन 136’ के नाम से एक स्टिंग ऑपरेशन किया था। इस स्टिंग से दर्जनों मीडिया संस्थानों का ‘भगवा’ चेहरा सामने आ गया था। कोबरा पोस्ट की इस स्टिंग से पता चला कि कैसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाली मीडिया पैसा लेकर हिंदुत्व और बीजेपी का प्रचार कर रही है।

अभी देश में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं और मीडिया का रवैया बिल्कुल वैसा ही है जैसा कोबरा पोस्ट की स्टिंग में पाया गया था। न्यूज़ चैनलों पर दिन-रात हिंदू-मुस्लिम / मंदिर-मस्जिद की डिबेट कर ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही डिबेट में विपक्षी दल के नेताओं पर हमला कर सत्तारूढ़ पार्टी के लिए हवा बनाई जा रही है।

चैनलों का ये रवैया अब सबके सामने है। किसी भी डिबेट प्रोग्राम को देखकर साफ़ तौर पर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि वह खुलकर बीजेपी के लिए बैटिंग कर रहे हैं। स्टिंग से इसकी वजह भी साफ हो चुकी है। इस काम के चैनलों को पैसे मिलते हैं। लेकिन ये पैसे चैनलों के मालिकों को मिलते हैं। यानी इसमें पत्रकार की कोई भूमिका नहीं होती! पत्रकार को वही करना होता है, जो मालिक कहते हैं!

राबड़ी का मजाक उड़ाने वाले एंकर पर बोले रवीश- हर चैनल में ‘डफ़र’ यानि मूर्खों को एंकर बनाया गया

ये बात तब मानी जा सकती थी, जब गोदी मीडिया के पत्रकारों की सोशल मीडिया वॉल्स उनके डिबेट प्रोग्राम्स से अलग दिखती। लेकिन ऐसा है नहीं। गोदी मीडिया के पत्रकार सोशल मीडिया पर भी वही काम करते नज़र आते हैं, जो चैनल में रहकर वह करते हैं। यानी सत्तारूढ़ पार्टी की तरफ़दारी और विपक्ष पर हमला करना।

एबीपी की एंकर रुबिका लियाक़त ने बीते कल ही ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट की। जिसमें उन्होंने दिल्ली के संगम विहार की सड़कों की हालत को दिखाया। उन्होंने वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, ‘संगम विहार के एमएलए आम आदमी पार्टी के दिनेश मोहनिया को शर्म आनी चाहिए’।

लेकिन विपक्ष के नेता को निशाना बनाने की जल्दबाज़ी में उनसे यहां बड़ी चूक हो गई। सड़क की खस्ता हालत दिखाने के चक्कर में वह ये देखना ही भूल गईं कि रोड की इस हालत की वजह क्या है? उन्होंने अपने वीडियो में ये नहीं बताया कि रोड इसलिए खुदी है क्योंकि वहां सीवर लाइन डाली जा रही है।

सड़क की खस्ता हालत के लिए विपक्षी नेता को शर्म करने की सलाह देने वाली रुबिका लियाक़त ने इलाके में सीवर लाइन डलवाने के लिए दिनेश मोहनिया की तारीफ नहीं की। रुबिका द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किया गया वीडियो उनके एजेंडे को साफ़ तौर पर दर्शाता है। क्या दिल्ली की सड़क पर इस तरह का पोस्ट करने वाली रुबिका लियाक़त पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की सड़कों की हालत दिखा सकती हैं?

राबड़ी जी की पढ़ाई का मज़ाक उड़ाने वाले आजतक के एंकर स्मृति ईरानी की डिग्री पर कब सवाल करेंगे?

रूबिका की तरह ही गोदी मीडिया के कई ऐसे पत्रकार हैं जो दिन-रात सोशल मीडिया पर चुनावों में बीजेपी के अनुकूल माहौल बनाने में जुटे रहते हैं। इन्हीं गोदी पत्रकारों में एक नाम आजतक के एंकर निशांत चतुर्वेदी का है। जिन्होंने विपक्षी नेता पर निशाना साधने के चक्कर में सारी हदें ही पार कर दीं।

उन्होंने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री एवं आरजेडी की नेता राबड़ी देवी का मज़ाक उड़ाने के लिए उनकी शिक्षा पर सवाल खड़े कर दिए। दरअसल, राबड़ी देवी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए एक ट्वीट किया था। जिसका बचाव करते हुए निशांत चतुर्वेदी ने सारी मर्यादाएं लांघते हुए लिखा, ‘अच्छा जी राबड़ी देवी जी भी ट्वीट करती है…कोई इनसे बोले कि ये बस तीन बार ट्विटर बोलकर बता दें’।

राबड़ी देवी की शिक्षा पर सवाल उठाने वाले निशांत चतुर्वेदी निशांत चतुर्वेदी क्या इसी तरह पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की शिक्षा पर भी सवाल उठा सकते हैं? जवाब है नहीं, क्योंकि चाहे टीवी हो या सोशल मीडिया वह सवाल सिर्फ विपक्ष से ही कर सकते हैं, सत्तारूढ़ पार्टी से नहीं।

अब सवाल यह उठता है कि चैलन मालिकों के आदेश का पालन करने वाले गोदी मीडिया के इन पत्राकारों पर क्या सोशल मीडिया पर भी किसी तरह का कोई दबाव होता है, जो उन्हें सत्ता से सवाल करने से रोकता है? क्या टीवी की तर्ज़ पर ही सोशल मीडिया पर भी उन्हें विपक्षियों की छवि धूमिल करने के पैसे मिलते हैं? अगर पैसे मिलते हैं तो उन्हें ये पैसे कौन देता है?

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