मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज़ (MES) और बिल्डर एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (BAI) ने सरकार को चेतानवनी दी है कि अगर अरबों का उनका बक़ाया नहीं दिया जाता है तो वो काम ठप कर देंगे।

मालूम हो कि ये दोनों संस्थाएँ सेना के तीनों अंगो- जल, थल, वायु की मूलभूत ज़रूरतों को पूरा करने का काम करती हैं।

MES और BAI का कहना है कि सरकार पर ठेकेदारों का 2000 करोड़ रूपये बाक़ी है। ठेकेदारों का कहना है कि, पहले ये रक़म 1600 करोड़ रूपये थी पर दिवाली के बाद रक्षा मंत्रालय की ओर से केवल 250 करोड़ रूपये ही रिलीज़ किया गया। जिससे ठेकेदारों की देनदारी बढ़कर 2000 करोड़ रूपये पहुँच गई है।

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इस ख़बर के सामने आने के बाद कांग्रेस ने पूछा है कि, क्या मोदी सरकार के खजाने में देश की रक्षा जरूरतों से जुड़े काम के लिये पैसा नहीं है?”

बक़ौल एमईएस और बीएआई के चेयरपर्सन परवान महाना- 2000 करोड़ रूपये का बक़ाया अगर सरकार की ओर से जल्द ही रिलीज़ नहीं किया जाता है तो हम सशस्त्र सेना की सभी शाखाओं के लिए चल रहे मौजूदा निर्माण काम और उनके रखरखाव को बंद करने के लिए मजबूर होंगे।

उन्होंने भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय से जल्द से जल्द ठेकेदारों के बक़ाया रक़म को देने की अपील की है।

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