
प्रधानमंत्री मोदी के कैबिनेट मिनिस्टर अनंत कुमार का कल देहांत हो गया। ऐसे हालत में चुनाव छोड़ सब कुछ टल सकता था मगर ये सब कुछ नहीं हुआ और सोशल मीडिया पर एक ट्वीट करने के बाद पीएम मोदी वाराणसी पहुँच गए जहां उनके साथ नितिन गडकरी और यूपी के सीएम योगी उनके साथ मौजूद थे और चेहरे पर ख़ुशी ऐसी जैसे अपने साथी को खोने का कोई गम नहीं।
दरअसल कैंसर की बीमारी से लड़ते हुए केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने आखिरी सांस दिल्ली में ली, डॉक्टरों के अनुसार उनका कैंसर एडवांस स्टेज पर था। अब ऐसी हालत में सरकार को अपने मंत्री के लिए क्या करना चाहिए था?
उन्हें चाहिए था कि शोक जताने के लिए उद्घाटन टाल सकते थे मगर ऐसे हुआ नहीं और छत्तीसगढ़ में मतदान के दौरान टीवी पर विकास मॉडल दिखाया गया।
इस मामले पर आरजेडी नेता संजय यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा- मोदी जी के कैबिनेट सहयोगी और दशकों पुराने साथी अनंत कुमार जी का दाह संस्कार भी नहीं हुआ था कि ये लोग कड़-कड़ाके ठहाके लगा रहे थे।
और स्वयं को कॉपी राईट संस्कारी हिंदू गैंग का तमग़ा देते है। बेशर्मी मापने का कोई पैमाना होता तो वह ज़रूर टूट जाता।
मोदी जी के कैबिनेट सहयोगी और दशकों पुराने साथी @AnanthKumar_BJP जी का दाह संस्कार भी नहीं हुआ था कि ये लोग कड़-कड़ाके ठहाके लगा रहे थे।
और स्वयं को Copy righted संस्कारी हिंदू गैंग का तमग़ा देते है। बेशर्मी मापने का कोई पैमाना होता तो वह ज़रूर टूट जाता। pic.twitter.com/ZJMuRB1CVE
— Sanjay Yadav (@sanjuydv) November 12, 2018
गौरतलब हो कि सरकारी दफ्तरों में अगर किसी का देहांत हो जाता है तो वहां एक दिन का शोक रखते हुए दफ्तर बंद हो जाते है।
चुनावी फायदा उठाने के लिए पीएम मोदी ने संस्कृति का ख्याल नहीं रखा क्योंकि ऐसा मौका बार बार हाथ नहीं लगता जब खोखले विकास मॉडल को टीवी पर चमक धमक के साथ दिखाया जाये।