मोदी सरकार द्वारा प्रचारित झूठों की लिस्ट में एक और झूठ शामिल हो गया है। कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत न होने का दावा करने के बाद अब सरकार ने दावा किया है कि पिछले पांच सालों किसी भी व्यक्ति कोई ‘मैनुअल स्कैवेंजिंग’ (हाथ से मैला ढोने) के कारण मौत नहीं हुई है।
दरअसल, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने राज्य सभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि पिछले पांच सालों में मैनुअल स्कैवेंजिंग की वजह से कोई भी मौत दर्ज नहीं हुई है। हालाँकि, देश में लगभग 66,692 लोग इस काम को करते हैं।
मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोज़गार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 के तहत देश में हाथ से मैला ढोने पर प्रतिबंध लगाया गया है। उसके बावजूद भी इस कानून को सही तरीके से अमल में नहीं लाया गया है।
हैरानी की बात है कि सरकार संसद और जनता को गुमराह कर रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि मीडिया में मैनुअल स्कैवेंजिंग के कारण हुई मौतों की खबरें आती रहती हैं। यहाँ तक कि सरकार अपने ही दावे को झूठा ठहरा रही है।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी में खुद सरकार ने ही लोक सभा को सूचित किया था कि पिछले पांच सालों में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई करते हुए 340 लोगों की मौत हुई है।
सरकार के इस दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी ने कहा, “भारत ने ऐसी केंद्रीय सरकार कभी नहीं देखी जो बेशर्मी से संसद के सामने झूठ बोलती हो।
फरवरी के बजट सत्र में मंत्री ने लोकसभा को सूचित किया था कि पिछले पांच वर्षों के दौरान इस प्रतिबंधित कुप्रथा के कारण 340 मौतें हुई हैं। हाथ से मैला ढोने पर लगे प्रतिबंध को लागू करो मोदी जी।”
India has never seen such a central govt which brazenly lies to Parliament with impunity.
In Feb budget session Minister informed Lok Sabha that 340 deaths during the last five years due to this banned evil practice.
Implement the ban on manual scavenging Modi ji. pic.twitter.com/CAn02Dd4vr— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) July 30, 2021
सारे साक्ष्य और न्यायालों के आर्डर सार्वजानिक होने के बावजूद सरकार ने कहा था कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई।
और अब मैनुअल स्कैवेंजिंग पर दिए खुद के ही बयान से पलटकर सरकार कह रही है कि इससे कोई मौत नहीं हुई। क्या मोदी सरकार यूँ ही संसद के सामने झूठ बोलती रहेगी?