Mumbai masjid
Mumbai Masjid

ऐसे समय में जब कोरोना के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है, तब कुछ मुसलमान इंसानियत की ऐसी नज़ीर पेश कर रहे हैं, जिससे वो करोड़ों देशवासियों का दिल जीतते नज़र आ रहे हैं।

दरअसल, अब मुंबई की एक मस्जिद ने लॉकडाउन के चलते बेरोज़गार हुए 800 मज़दूरों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। मस्जिद की इस पहल की जमकर तारीफ़ हो रही है। लोगों की मदद करने वाली ये मस्जिद मुंबई साकानाकी इलाकी में स्थित है।

यहां लॉकडाउन की वजह से बेरोज़गार हुए तकरीबन 800 बेरोज़गार मज़दूरों को रोज़ाना खाना खिलाया जाता है। इतना ही नहीं ये मस्जिद आसपास के लोगों की मदद भी कर रही है। यहां से रोज़ाना आसपास के लोगों को राशन भी मुहैया कराया जाता है।

राहत कार्य में जुटी मस्जिद की टीम के सदस्य मौलाना सनाबली ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोविड-19 की तरह ही भूख भी धर्म-जाति से परे है, वो किसी को भी प्रभावित कर सकती है। हमारी पूरी कोशिश ये है कि कोई भूखा ना सोए। इस दौरान जब उनसे भोजन के ज़रिए कोरोना संक्रमण के खतरे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भोजन को सफाई से पकाया जाता है और सेवा करते समय सामाजिक दूरी का पालन किया जाता है।

बता दें कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन के चलते बड़ी तादाद में लोग बेरोजगार हुए हैं। जिसके चलते रोज कमाने-खाने वाले मज़दूरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में देश में ऐसे लोगों की मदद के लिए कई लोग भी सामने आए हैं।

ज़रूरतमंदों को खाना खिलाया जा रहा है। कई समाजसेवी संस्थाएं इस काम में जुटी हुई हैं और राशन तक उपलब्ध करा रही हैं। हालांकि सरकार की ओर से इन मज़दूरों को कोई ख़ास राहत नहीं मिली है।

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