देश में फैलती नफ़रत को लेकर जहां बड़े बड़े उद्योगपति खामोशी इख्तियार किए रहते हैं ऐसे में नादिर गोदरेज का बेबाक बयान सामने आया है.

गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एमडी नादिर गोदरेज ने कहा कि हमें देश को बांटना बंद करना चाहिए.

गोदरेज समूह के प्रबंध निदेशक ने एक किताब लॉन्च के कार्यक्रम के मौके पर समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में ये बात कही. उन्होंने ये भी कहाकि हम आर्थिक मोर्चे पर अच्छा काम कर रहे हैं और वित्तीय समावेशन तथा शिक्षा जैसे कल्याणकारी कदम भी उठा रहे हैं लेकिन देश को एकजुट करने के लिए प्रयास करने की ज़रूरत है.

उन्होंने कहाकि मुझे लगता है कि देश को बांटना बंद कर देना चाहिए और इसे एकजुट करने का प्रयास करना चाहिए, मुझे भरोसा है कि सरकार भी आर्थिक वृद्धि के लिए इसे ज़रूरी मानती है, हमें इस पर ध्यान देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि वह और अधिक अभिव्यक्ति की आज़ादी देखना चाहेंगे जहां राज्य के ताक़तवर हाथ नहीं पहुंच पाएँ और विरोध करने वाली आवाजों को कुचल न दें।’

गोदरेज ने कहा कि हमारे विचारों को मानवीय होना चाहिए, न कि सांप्रदायिक। उन्होंने कहा कि खुश होने के कई कारण हैं, लेकिन कभी-कभी डर होता है कि चीजें पटरी पर नहीं हैं और हम पीछे भी जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हमें मजबूत संस्थानों की जरूरत है, उन्हें बनाने में लंबा समय लगता है, जबकि उन्हें जल्दी से तोड़ा जा सकता है।

हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है जब गोदरेज ने ये बात कही हो, इससे पहले नादिर गोदरेज के बड़े भाई आदि गोदरेज ने भी कहा था कि असहिष्णुता और हेट क्राइम विकास को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है.

गोदरेज से पहले साल 2019 में दिवंगत उद्योगपति राहुल बजाज ने कहा था कि देश में डर का माहौल है, जहां लोग आलोचना करने से डरते हैं. दिसंबर 2019 की बात है।

मुंबई में ‘द इकनॉमिक टाइम्स’ के एक कार्यक्रम में राहुल बजाज ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल के सामने कई बातों को रखा था।

बजाज ने केंद्र सरकार की आलोचना करने को लेकर कारोबारियों में डर होने, लिंचिंग के मामलों में प्रभावी कार्रवाई न होने और भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बापू के हत्यारे गोडसे को देशभक्त कहने के मामले को भी उठाया था.

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