भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान कुछ ही दिनों के अंदर तबाही का मंजर देखा गया है। सरकार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की वजह से बड़ी तादाद में कोरोना मरीजों की इलाज के अभाव में ही मौत हुई है।

साल 2020 की शुरुआत में कोरोना संक्रमण की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में मौतों का आंकड़ा ज्यादा रहा है।

भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 24 अप्रैल तक भारत में कोरोना संक्रमण के कारण 307231 लोगों की मृत्यु हुई है। जबकि जबकि 26,948,800 लोग संक्रमित हो चुके थे।

अब न्यूयॉर्क टाइम्स की एक स्टडी में भारत में कोरोना संक्रमण से हुई मौतों के आंकड़ों का खुलासा किया गया है। जो कि बहुत ही भयानक है।

दरअसल भारत में कोरोना संक्रमित और मौतों के वास्तविक आंकड़े का अनुमान लगाने के लिए इस स्टडी में तीन देशव्यापी एंटीबॉडी टेस्ट के नतीजे लिए गए हैं। जिन्हें सीरो सर्वे कहा जाता है।

इन तीनों ज़ीरो सर्वे में सामने आया है कि भारत में कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों का आंकड़ा सरकारी आंकड़ों से 13.5 गुना से लेकर 28.5 गुना तक ज्यादा है।

इस स्टडी में माना गया है कि ‘कम से कम’ वाली स्थिति में 24 मई 2021 तक भारत में अनुमानित वास्तविक कोरोना संक्रिमतों की संख्या लगभग चार करोड़ तक होगी।

जबकि ‘अधिक आशंका’ वाले स्थिति में यह आंकड़े 20 गुना भर सकते हैं और ‘सबसे ज्यादा खराब’ स्थिति में यह 26 गुना तक जा सकते हैं।

इस स्टडी में शामिल एक एक्सपर्ट ने बताया है कि यह सीरो सर्वे उस वक्त के हैं। जब भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर नहीं आई थी। अगर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद यह सर्वे किया गया होता।

तो आंकड़े और भी ज्यादा चौंकाने वाले हो सकते थे। उन्होंने कहा है कि अगर तब के सर्वे को ही पैमाना माना जाए तो भारत की आधी आबादी संक्रमित हुई होगी।

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