पूर्व वित्त मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने देश में गहराते आर्थिक संकट को लेकर एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि देश को अर्थव्यवस्था पर बुरी ख़बरें सुनने की आदत डाल लेनी चाहिए। हालात और बदतर होने की आशंका है।
आईएनएक्स मामले में अदालत में बुधवार को हुई सुनवाई के बाद चिदंबरम की ओर से उनके परिवार ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर मोदी सरकार को जमकर घेरा। एक ट्वीट में कहा गया कि, “अर्थव्यवस्था पर बुरी ख़बरें सुनने की आदत आपको डाल लेनी चाहिए। अंतिम तिमाही में 5 फीसद जीडीपी के बाद, दूसरी तिमाही में विकास दर 4.7% से कम रहने की आशंका है”।
दूसरे ट्वीट में लिखा गया, “सरकार अर्थव्यवस्था के बारे में स्पष्ट नहीं है। यह वृद्धि में फिसड्डी है, बेरोजगारी बढ़ रही है, खपत कम हो रही है और गरीब परेशानी उठाने के लिए मजबूर हैं”।
I have asked my family to tweet the following:
Brace yourself for bad news on the economy. After 5% GDP growth in the final quarter, the growth rate in the second quarter is likely to be less than 4.7%.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 27, 2019
इसके साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम को लेकर भी बीजेपी पर ज़ोरदार हमला बोला। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “संविधान दिवस 2019 की यादों में क्या रहेगा? 23 से 26 नवंबर के बीच महाराष्ट्र में संविधान का सबसे बड़ा उल्लंघन हुआ”।
मैंने अपने परिवार को निम्नलिखित ट्वीट करने के लिए कहा है:
संविधान दिवस 2019 की यादों में क्या रहेगा। 23 से 26 नवंबर के बीच महाराष्ट्र में संविधान का सबसे बड़ा उल्लंघन हुआ।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 27, 2019
एक अन्य ट्वीट में चिदंबरम ने कहा, “राष्ट्रपति शासन को हटाने के लिए सुबह 4.00 बजे राष्ट्रपति को जगाना, राष्ट्रपति भवन के कार्यालय पर हमला है। क्या वो लोग सुबह 9 बजे तक इंतजार नहीं कर सकते थे?”
राष्ट्रपति शासन को हटाने के लिए सुबह 4.00 बजे राष्ट्रपति को जगाना, राष्ट्रपति भवन के कार्यालय पर हमला है। क्या वो लोग सुबह 9 बजे तक इंतजार नहीं कर सकते थे?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 27, 2019
बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया केस में पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत की अवधि बुधवार को 11 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ाने की मांग की थी।