बीजेपी भले ही देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का दावा करती हो, लेकिन हक़ीक़त ये है कि जिन राज्यों में उसकी सरकार है वह भ्रष्टाचार के कई मामलों में टॉप पर हैं। ऐसे ही बीजेपी शासित राज्य हैं उत्तर प्रदेश और बिहार, जो मिड-डे मील योजना के भ्रष्टाचार में नंबर वन और नंबर दो के स्थान पर हैं।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश से मिड-डे मील योजना में भ्रष्टाचार की 14 शिकायतें आई हैं, जो कि किसी भी अन्य राज्य से सर्वाधिक हैं। वहीं बिहार इस मामले में दूसरे स्थान पर है। जहां से 11 शिकायतें मिली है। बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर से मिड-डे मील योजना में भ्रष्टाचार की कुल शिकायतें 52 हैं।

मिड-डे मील योजना में भ्रष्टाचार का ये आंकड़ा ख़ुद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में रखा। उन्होंने बताया कि पूरे देश में मिडडे मील योजना की 52 शिकायतें बीते तीन साल के दौरान सरकार को मिलीं, जिनमें से सबसे ज्यादा 14 शिकायतें अकेले उत्तर प्रदेश से हैं।

उनके मुताबिक, उत्तर प्रदेश के बाद बिहार मिडडे मील योजना में भ्रष्टाचार के मामलों में दूसरे नंबर पर है। यहां से 11 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इसी तरह महाराष्ट्र से भी इस योजना में 5 शिकायतें मिली हैं। बाकी शिकायतें ओडिशा, उत्तराखंड, झारखंड, त्रिपुरा आदि राज्यों से हैं।

पोखरियाल ने ये भी माना कि मिडडे मील योजना में भ्रष्टाचार की वजह से बीते तीन साल में 931 बच्चे बीमार पड़े। ऐसे सबसे ज्यादा 259 मामले झारखंड में दर्ज किए गए जबकि 201 मामलों के साथ महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर और 154 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर रहा।

हालांकि पोखरियाल ने ये भी बताया कि सरकार इस भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि 52 में से 47 शिकायतों पर राज्य स्तर की जांच चल रही है। इन मामलों में राज्य सरकारों ने योजना के लिए जिम्मेदार अफसरों को चेतावनी दी है और मिडडे मील सप्लाई करने वाले कई संगठनों के ठेके निरस्त किए हैं। साथ ही आपराधिक प्रक्रिया भी शुरु की गई है।

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