अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बार फिर टाल दी है। अब इस मामले की सुनवाई 29 जनवरी को होगी।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले को लटकाए जाने पर जहां हिंदुत्ववादी संगठन अब धैर्य खोते हुए उटपटांग बयान देते नज़र आ रहे हैं, वहीं गोदी मीडिया लोगों को सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ़ भड़काता दिखाई दे रहा है।

गोदी मीडिया के पत्रकार राम मंदिर के पक्षधरों से यह पूछते नज़र आ रहे हैं कि क्या आपको तारीख़ पर तारीख़ दिए जाने पर ग़ुस्सा नहीं आता। लोगों को सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा बनाए रखने के लिए प्ररित करने के बजाए गोदी मीडिया के पत्रकार उनसे यह पूछ रहे हैं कि क्या अब सबकुछ सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही निर्भर करता है, क्या मंदिर निर्माण का कोई दूसरा रास्ता नहीं है?

मंदिर-मस्जिद करने के लिए मीडिया ‘अयोध्या’ चली जाती है मगर दिल्ली में आए हजारों ‘किसानों’ को नहीं दिखाती है

गोदी मीडिया के इसी रवैये पर समाजवादी पार्टी की पूर्व प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि कुछ तथाकथित पत्रकार टीआरपी के लिए दंगा करवाने पर उतारू हैं। वह अयोध्या मामले पर लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं।

पंखुड़ी पाठक ने ट्वीट कर लिखा, “कुछ तथाकथित पत्रकार लोगों व संतों को इस तरह भड़का रहे हैं जैसे कि दंगा करवाने पर उतारू हों। जो संत धैर्य से जवाब दे रहे हैं उनसे भी पूछा जा रहा है कि आप आक्रोशित क्यूँ नहीं हैं? यह किस तरह की पत्रकारिता है? मतलब अब TRP के लिए देश में अराजकता फैला देंगे? दंगा करवा देंगे”?  

बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई इसलिए टाल दी गई क्योंकि कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने पांच जजों की बेंच में जस्टिस यूयू ललित के होने पर सवाल उठाया।

इसके बाद जस्टिस ललित खुद ही बेंच से अलग हो गए। जस्टिस यूयू ललित बाबरी मामले में 1994 में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के वकील रहे चुके हैं।

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