देश में इस वक्त कोयला संकट चल रहा है। जिसकी वजह से आने वाले कुछ दिनों में लोगों को बिजली की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोयले की कमी होने की वजह से देश के कई बड़े पावर प्लांट में बिजली उत्पादन कम हो गया है।

भारत के कई राज्यों में भयंकर बिजली संकट आ गया है। बताया जा रहा है कि कई पावर प्लांट्स में कोयले का स्टॉक सिर्फ चंद दिनों का ही रह गया है। झारखंड के बोकारो में स्थित चंद्रपुरा थर्मल पावर प्लांट इस वक्त कोयले के स्टाफ को लेकर सुपर क्रिटिकल सिटी में आ गया है। बात की जाए बिहार की तो पिछले कुछ दिनों से कोयले की कमी की वजह से सरकार को खुले बाजार से हर दिन बिजली खरीदने के लिए 20 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है।

देश में कोयले से चलने वाले कुल 135 पावर प्लांट हैं। इस मामले में जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कोयला संकट की कृषि कानूनों के साथ तुलना करते हुए ट्वीट किया है। पूर्व सांसद पप्पू यादव ने लिखा है कि निजी कंपनियों ने कोयला गायब कर दिया। बिजली संकट का मचा है हाहाकार! कुम्भकर्णी नींद में सोई है सरकार! जब अनाज गायब करेगा तब क्या होगा? इसलिए किसानों का साथ दो! सरकार काला कृषि कानून वापस लो!

पप्पू यादव देश के उन नेताओं में से एक है। जो शुरुआत से ही किसान आंदोलन का समर्थन करते आए हैं। वह कृषि कानूनों का विरोध करते हुए कई बार मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। दरअसल विपक्षी दलों का आरोप है कि कृषि कानूनों को लागू कर मोदी सरकार किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाने में लगी हुई है।

अगर ऐसा हुआ। तो गेहूं और अन्य फसलों के दाम भी आसमान छूएंगे। ऐसे में देश के लोगों को अनाज संकट भी देखना पड़ सकता है। इसलिए देश का किसान मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहा है।

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