वोट के लिए जनता के बीच पहुंच रहे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवारों को इन दिनों जनता के विरोध और तीखे सवालों का सामना करना पड़ रहा है। जनता BJP नेताओं से उनके शासनकाल का हिसाब मांग रही है और बीजेपी नेता सवालों से बचने के लिए उन्हें राष्ट्रवाद की गोलियां देते नज़र आ रहे हैं।

ताज़ा मामला हरियाणा के गुरुग्राम से सामने आया है। जहां BJP के उम्मीदवार राव इंद्रजीत सिंह को जनता के विरोध का सामना करना पड़ा। दरअसल, बीजेपी उम्मीदवार एक जनसभा को संबोधित करने जनता के बीच पहंचे थे, तभी लोगों ने उनसे उनके कामों को लेकर सवाल करना शुरु कर दिया। जनता के इस सवाल पर पहले तो नेताजी को ग़ुस्सा आ गया और उन्होंने लोगों को डांटते हुए बैठने को कहा।

इसके बाद राव इंद्रजीत ने बड़ी ही चतुराई से स्थिति को संभालने की कोशिश की। उन्होंने जनता के विरोध से बचने के लिए BJP के पुराने हथकंडे ‘राष्ट्रवाद’ का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव देश को बचाने का चुनाव है। अगर जनता अपनी समस्याओं को लेकर नाराज़ है तो वह अपना ग़ुस्सा निकाय या विधानसभा के चुनाव में निकाले।

उनके इस बयान का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें वह साफ़ तौर पर यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि लोग उन्हें देश को बचाने के लिए चुनें। उन्होंने कहा कि अगर जनता उनके कामों से नाराज़ है तो वह मेयर या विधायक चुनते समय अपना ग़ुस्सा निकाले।

अब सवाल यह है कि अगर सांसद ने अपना काम नहीं किया है तो उसकी सज़ा विधायक या मेयर को क्यों दी जाए? बता दें कि गुरुग्राम में मेयर और विधायक दोनों ही बीजेपी के हैं। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या बीजेपी सांसद राव इंद्रजीत अपनी ही पार्टी को सज़ा देने की बात कर रहे हैं? और अगर इंद्रजीत यह मानते हैं कि उनकी पार्टी ने काम नहीं किया है तो फिर वह किस मुंह से बीजेपी को वोट कर देश बचाने की बात कर रहे हैं?

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