चंद्रयान-3 कल अपने सफर पर रवाना हो गया है। शुक्रवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) का तीसरा मून मिशन सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य के लिए रवाना हो गया।

श्रीहरिकोटा स्थित धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रमा पर बहरत के तीसरे चंद्रयान-3 मिशन का प्रक्षेपण किया गया। यह 642 टन वजन वाला एलवीएम3 रॉकेट कल दोपहर में अपने मिशन के लिए रवाना हो गया।

इस चंद्रयान को चन्द्रमा पर पहुंचने में 42 दिनों का समय लगेगा। चंद्रयान को यहां पहुंचने में लगभग 3.84 लाख किलोमीटर का सफर तय करना होगा।

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि चंद्रयान-3 अगस्त महीने में 23 या 24 अगस्त को अपने लक्षित जगह चन्द्रमा पर लैंड कर जाएगा। यह सफलता ISRO के वैज्ञानिकों को चार साल की कड़ी मेहनत के बाद हासिल हुई है। जिसे लेकर भारत को पूरी दुनियां से बधाइयाँ मिल रही है।

इसरो के चंद्रयान-3 की सफल अभियान के लिए कांग्रेस ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को श्रेय दिया।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने लिखा- “पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ISRO का सपना देखा था। जिसे इंदिरा गाँधी ने पूरा किया। राजीव गाँधी और मनमोहन सिंह ने नई उचाईयों तक पहुंचाया।

ये सभी के लिए गर्व की बात है। जब हम चन्द्रमा पर विजय प्राप्त करने के लिए चंद्रयान-3 को उड़ान भरते हुए देख रहे हैं।”

वहीं इसरो के इस सफल मिशन के लिए देश भर के लिए गर्व की बात है। सभी ने इसरो के वैज्ञानिकों की मेहनत को सलाम किया। जहां एक तरफ देश की जनता वैज्ञानिकों को बधाइयां दे रही है। तो दूसरी तरफ कई लोग इसरो के स्थापना से लेकर उसके विकास के लिए कांग्रेस और पंडित नेहरू को भी श्रेय दे रहे हैं।

सोशल मीडिया पर एक रिटायर्ड आईएएस सूर्यप्रताप सिंह ने लिखा है- “अगर इसरो स्थापित करने की जगह, पंडित नेहरू भी गौमूत्र-गोबर, मंदिर-मस्जिद, दंगा फ़साद करते-कराते रहते तो क्या आज चन्द्रयान जाता?”

दरअसल इनका निशाना केंद्र में काबिज़ बीजेपी सरकार के शासनकाल में देश भर के कोने कोने में फैले सांप्रदायिक हिंसा की तरफ है।

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