भारतीय महिला पहलवान संगीता फोगाट ने हंगरी रैंकिंग सीरीज़ में कांस्य पदक जीता है। उन्होंने यह पदक जीतकर भारत का तिरंगा हंगरी में लहराया।

संगीता फोगाट पिछले महीने चल रहे जंतर मंतर प्रोटेस्ट में भी शामिल थीं। जहां भाजपा सांसद और पूर्व कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों साथ हुए शारीरिक शोषण को लेकर मोर्चा खोल रखा था।

संगीता ने रैंकिंग सीरीज़ रेसलिंग चैम्पियनशिप मुकाबले में तीसरे चौथे स्थान के लिए हंगरी की विक्टोरिया बोरसोस को हराकर कांस्य पदक अपने नाम कर लिया। उन्होंने यह मुकाबला अपने नाम 59 किलोग्राम वर्ग में जीत दर्ज़ कर हासिल किया है।

संगीता फोगाट की इस जीत पर जहाँ एक तरफ देश में लोग उन्हें बधाइयां दे रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें संगीता की जीत से नाराज़गी हो रही हैं। और सोशल मीडिया पर लोग उनके खिलाफ फ़र्ज़ी हार की खबरें शेयर कर ख़ुशी जाहिर कर रहे हैं।

आखिर वे कौन लोग लोग हैं? जिन्हे देश की महिला पहलवान के खिलाफ अफवाह और गलत सूचनाएं फैलाकर ख़ुशी मिल रही हैं।

दरअसल सोशल मीडिया पर एक ऐसा ग्रुप है जो संगीता फोगाट के खिलाफ अमेरिका की जेनिफर पेज रोजर्स से 0-10 के स्कोर से हार वाली ट्वीट कर ख़ुशी जाहिर कर रहे हैं।

अब लोग इनके झूठे ट्वीट पर प्रतिक्रियाएँ देते हुए सवाल पूछ रहे हैं। आखिर देश की बेटी की जीत पर ख़ुशी इन्हे क्यों नहीं हो रही है?

एक ट्विटर यूज़र के संगीता फोगाट के खिलाफ अफवाह वाली ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लेखक अशोक कुमार पांडेय ने लिखा- “भारत की हार पर ख़ुशी मनाने वाले देशभक्त।”

वहीं पत्रकार प्रभाकर मिश्रा ने लिखा- “यह कैसा राष्ट्रवाद है, जब लोग अपने ही देश के खिलाड़ियों की हार सेलिब्रेट करने लगे हैं!”

बता दें कि संगीता फोगाट के खिलाफ जिस झूठ का प्रचार ट्विटर पर शेयर किया जा रहा है। दरअसल उसका सच यह है- संगीता अमेरिकी पहलवान ब्रेंडा रेयना से सेमीफ़ाइनल मुकाबले में 12-2 से हार गयी थीं। जिसके बाद उन्होंने तीसरे-चौथे स्थान के लिए हंगरी की खिलाड़ी को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया है।

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