प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपनी सरकार का बखान करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने खेलों में भाई-भतीजावाद को दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार योग्यता की पहचान करने और भाई-भतीजावाद को खत्म करने में विश्वास रखती है।

हरियाणा में 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र सोनीपत के गोहाना में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारे जवानों और खिलाड़ियों ने राष्ट्रमंडल खेलों में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया लेकिन संप्रग सरकार के शासन के दौरान राष्ट्रमंडल खेल घोटालों से घिरे रहा। सवाल है कि अब क्या बदलाव आ गया है?’’

पीएम मोदी ने कहा कि खिलाड़ी वही हैं, उनकी क्षमताएं वही हैं बल्कि प्रतिस्पर्धा कड़ी हो गयी लेकिन फर्क यह है कि 2014 के बाद भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों ने परिस्थितियां बदल दी।

उन्होंने कहा कि “चाहे केंद्र में हो या हरियाणा में हमने केवल परिस्थितियां बदली जबकि खिलाड़ी वही हैं। हमने प्रतिभाओं की पहचान करने पर बल दिया और भाई-भतीजावाद दरकिनार किया। हमने इसमें राजनीति नहीं करने दी”।

पीएम मोदी भले ही खेलों से भाई-भतीजावाद खत्म करने का दावा कर रहे हों, लेकिन हक़ीक़त उनके दावों के उलट है। बीसीसीआई की नई नियुक्तियां उनके दावों को ग़लत बता रही हैं। दरअसल, केंद्रीय गृहमंत्री और गुजरात क्रिकेट संघ के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह बीसीसीआई के अगले सचिव बनने वाले हैं। वहीं पूर्व अध्यक्ष और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण धूमल बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष होंगे।

ऐसे में पीएम मोदी का खेलों से भाई-भतीजावाद खत्म करने का दावा बेमानी सा लगता है। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के इन दावों का मज़ाक बनाया जा रहा है।

पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने पीएम मोदी के इस बयान को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, “जब जय शाह और छोटे ठाकुर ‘वाह मोदीजी वाह’ कहकर ज़ोर से हंस पड़े”। 

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