देश के बैंकों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। और इनमें सबसे बुरी हालत देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की है। वर्ष 2018, की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितम्बर) में 4,532.35 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है।

एक साल पहले इसी तिमाही में बैंक को 560.58 करोड़ रुपये का फायदा हुआ था। पीएनबी के मुताबिक आलोच्य अवधि फंसे कर्जो (एनपीए) के लिए लिए ज्यादा प्रोविजनिंग करने की वजह से उसके बैलेंस शीट में नुकसान दिख रहा है।

जुलाई-सितंबर की अवधि में एनपीए के लिए 7,733.27 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग की गई है। अप्रैल-जून की तिमाही में यह 4,982 करोड़ रुपये रही थी।

PM मोदी की ‘मुद्रा योजना’ बनी बैंक घोटाला योजना, 11000 करोड़ के घोटाले का RTI से खुलासा

गौरतलब है कि पीएनबी का एनपीए पिछले एक साल में बहुत ज़्यादा बढ़ गया है। क्योंकि इस बैंक में हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने 13,500 करोड़ रुपए का घोटाला किया है।

इसके बाद से ये बैंक लगातार घाटे में चल रहा है। इस साल जून की तिमाही में 940 करोड़ रुपये का जबकि जनवरी-मार्च में 13,417 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।

PNB के अलावा मेहुल चौकसी ने किया 5,280 करोड़ का एक और बैंक घोटाला, CBI कर रही जांच

बताया जा रहा है कि यह भारतीय बैंकिंग इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा नुकसान है। इस दौरान पीएनबी की आय में भी कमी आई है।

जुलाई-सितंबर में इसकी कुल आय 14035.88 करोड़ रुपए रही, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में इसे 14205.31 करोड़ रुपये की आय हुई थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here