
पिछले दिनों सीएनएन रिपोर्टर के सख्त सवालों से घबराकर हंगामा खड़ा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में उस रिपोर्टर की एंट्री बैन कर दी थी। लेकिन राष्ट्रपति को अदालत में चुनौती देकर मीडिया ने जीत हासिल की है।
बीबीसी न्यूज के मुताबिक जज ने सीएनएन के हक में फैसला सुनाया है और आदेश दिया है कि सीएनएन के पत्रकार जिम अकोस्टा को व्हाइट हाउस में एंट्री की परमिशन है, व्हाइट हाउस उनकी इस मान्यता को पुनः बहाल करे।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने सीएनएन की एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा है- ‘तो दुनिया के सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश में लोकतंत्र जीता राष्ट्रपति हारे।
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अदालत ने सीएनएन पत्रकार के हक़ में फ़ैसला दिया। व्हाइट हाउस को झुकना पड़ा। अब दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का हाल मत पूछियेगा…!!’
तो दुनिया के सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश में लोकतंत्र जीता राष्ट्रपति हारे…
अदालत ने सीएनएन पत्रकार के हक़ में फ़ैसला दिया…
व्हाईट हाउस को झुकना पड़ा..
अब दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का हाल मत पूछियेगा….!! https://t.co/ypwpruNSOO— punya prasun bajpai (@ppbajpai) November 16, 2018
यह घटना भारतीय मीडिया के लिए सबक भी है, और शर्म की भी बात भी। सबक है कि कैसे सत्ता से सवाल किया जाता है और अप्रिय स्थिति में सत्ता को चुनौती दी जा सकती है।
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शर्म की बात यह है कि भारतीय मीडिया सत्ता के सामने नतमस्तक हो जाती है, जब सख्त सवाल करने की बारी आती है तो ‘जी मोदी जी’ से आगे नहीं बढ़ पाती है।