रिलायंस कम्युनिकेशन (आरकॉम) के को-फाउंडर अनिल अंबानी को अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया है। इस मामले में अनिल अंबानी को जेल भी जाना पड़ सकता है।

आरकॉम पर एरिक्सन के 550 करोड़ रुपए बकाया हैं। उसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक तय समय पर भुगतान नहीं किया। इसी मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी को अवमानना का दोषी करार दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंबानी, रिलायंस टेलिकॉम के अध्यक्ष सतीश सेठ और रिलायंस इंफ्राटेल की अध्यक्ष छाया विरानी ने कोर्ट में दिए गए आश्वासनों और इससे जुड़े आदेशों का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने सख्ती से कहा कि एरिक्सन को 4 हफ्ते में 453 करोड़ रुपये चुकाने होंगे। तय समय में भुगतान नहीं करने पर उन्हें तीन महीने जेल की सजा भुगतनी होगी।

ग़ौरतलब है कि अनिल अंबानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। कांग्रेस इस बात का दावा करती रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर ही अनिल अंबानी की नई कंपनी रिलायंस एयरोस्ट्रक्टर लिमिटेड को राफेल डील में आफ़सेट पार्टनर बनाया गया।

PM मोदी के करीबी ‘अनिल अंबानी’ को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका, जा सकते हैं ‘जेल’

ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिल अंबानी को अवमानना के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाने पर ले रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्विटर पर अनिल अंबानी की पीएम मोदी के साथ गले मिलने वाली एक तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, “यह दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे। जेल में जाएं पर मगर तेरा साथ ना छोड़ेंगे”।

क्या है एरिक्सन विवाद ?

एरिक्सन ने 2014 में अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम का टेलीकॉम नेटवर्क संभालने के लिए 7 साल की डील की थी। इस दौरान आरकॉम पर एरिक्सन का 1100 करोड़ का बकाया हो गया। एरिक्सन ने आरकॉम से बकाया रकम वसूलने के लिए दिवालिया अदालत (NCLT) का दरवाजा खटखटाया।

NCLT के सामने आरकॉम इस बात के लिए राज़ी हो गई कि वह सेटेलमेंट की रकम जो कि सिर्फ 550 करोड़ रुपये थी, उसका भुगतान 30 सितंबर तक कर देगी। लेकिन NCLT के आदेश के बावजूद आरकॉम ने तय राशि एरिक्सन को नहीं दी।

अंबानी को 10 दिन पहले ‘राफेल’ की गोपनीय जानकारी देने के लिए मोदी को ‘जेल’ होनी चाहिए : राहुल

इसके बाद एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 23 अक्टूबर को आरकॉम से कहा था कि वह 15 दिसंबर, 2018 तक बकाया राशि का भुगतान करे और ऐसा नहीं करने पर उसे 12 फीसदी सालाना की दर से ब्याज भी देना होगा। लेकिन इसके बावजूद रिलायंस ने बकाया नहीं चुकाया।

ऐसे में एरिक्सन ने कोर्ट से कहा कि रिलायंस समूह के पास राफेल जेट डील में निवेश करने के लिए पैसा है लेकिन वह उनका 550 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुका रही। एरिक्‍सन ने कोर्ट से अवमानना का मुकदमा चलाने की अपील की। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने रिलायंस समूह को दोषी पाया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here