भारत ने अंतरिक्ष में एक और महारत हासिल कर ली है। अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर लो अर्थ ऑर्बिट (एलइओ) सेटलाइट को मार गिराने के बाद भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में दुनिया की चौथी महाशक्ति बन गया है।
आज पीएम मोदी ने इस बारें में जानकारी देते हुए इसे सरकार की उपलब्धि बताई तो कांग्रेस प्रवक्ता ने भारत के एक प्रमुख वैज्ञानिक जहांगीर भाभा को याद किया।
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कांग्रेस प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर लिखा- अंतरिक्ष महाशक्ति बनने पर भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के वैज्ञानिकों के कार्य को सलाम! आज पंडित जवाहर लाल नेहरु व होमी जहांगीर भाभा जी की दूरदर्शिता को भी सलाम, जिसके कारण भारत आज दुनिया का चौथा अंतरिक्ष महाशक्ति बनने में सफल हो पाया।
अंतरिक्ष महाशक्ति बनने पर भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के वैज्ञानिकों के कार्य को सलाम! आज पंडित जवाहर लाल नेहरु व होमी जहांगीर भाभा जी की दूरदर्शिता को भी सलाम, जिसके कारण भारत आज दुनिया का चौथा अंतरिक्ष महाशक्ति बनने में सफल हो पाया।
जय हिंद!!!
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) March 27, 2019
कौन थे होमी जहांगीर भाभा और होमी नौशेरवांजी सेठना?
देश आजाद हुआ तो होमी जहांगीर भाभा ने दुनिया भर में काम कर रहे भारतीय वैज्ञानिकों से अपील की कि वे भारत लौट आएं। उनकी अपील का असर हुआ और कुछ वैज्ञानिक भारत लौटे भी। इन्हीं में एक थे मैनचेस्टर की इंपीरियल कैमिकल कंपनी में काम करने वाले होमी नौशेरवांजी सेठना।
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अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले सेठना में भाभा को काफी संभावनाएं दिखाई दीं। ये दोनों वैज्ञानिक भारत को परमाणु शक्ति संपन्न बनाने के अपने कार्यक्रम में जुट गए। यह कार्यक्रम मूल रूप से डॉ॰ भाभा की ही देन था, लेकिन यह सेठना ही थे, जिनकी वजह से डॉ॰ भाभा के निधन के बावजूद न तो यह कार्यक्रम रुका और न ही इसमें कोई बाधा आई।
इससे पहले सिर्फ रूस, अमेरिका और चीन के ये ताकत पास थी। भारत को इस उप्लब्धि तक पहुंचाने का कारनामा डीआरडीओ ने अंजाम दिया है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की इस कामयाबी का पूरा श्रेय ख़ुद को देते नज़र आ रहे हैं।