राफेल डील से जुड़े दस्तावेज चोरी होने की बात से कोर्ट ने एक बार बड़ी बात कही है। जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि पहला सवाल यह है कि क्या अदालत को सबूत या दस्तावेज पर गौर नहीं करना चाहिए, अगर भ्रष्टाचार हुआ है?
Rafale Jet Deal case: CJI says, "Primary question is that should the court not look into the evidence or the document, if there is relevance or corruption?"AG Venugopal says, "It should not be looked into as it deals with defence and secrets."
— ANI (@ANI) March 6, 2019
जिसपर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने रक्षा मामलों की दुहाई देते हुए कहा कि क्योंकि ये मामला रक्षा सौदे से जुड़ा हुआ है ऐस में इस पर कोर्ट को सुनवाई नहीं करनी चाहिए।
मोदी सरकार के वकील ने अदालत से कहा कि दस्तावेज के स्रोत का खुलासा उन लोगों द्वारा किया जाना चाहिए, जिन्होंने इसे प्रकाशित किया था।
Rafale Jet Deal case in Supreme Court: Attorney General KK Venugopal told the court that the source of the document should be disclosed to the court by those who published it. https://t.co/6VRCX9sQmF
— ANI (@ANI) March 6, 2019
जस्टिस केएम जोसेफ ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के तर्क पर जवाब देते हुए कहा, ‘क्या आप भ्रष्टाचार को राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में छुपाना चाहते हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि क्या आप कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार की जांच सिर्फ इसलिए ना हो कि सोर्स असंवैधानिक है। हमें सबूतों की जांच करनी होगी। चोरी किए गए सबूत भी महत्वपूर्ण हैं, इसकी जांच होना जरूरी है।
Justice Joseph in response to argument by AG observes ‘Issue of national security doesn't arise when question in review is that plea of investigation hasn't been considered.Are you going to take shelter under n’tl security when allegations is of grave crime,corruption’ #Rafale
— Shereen Bhan (@ShereenBhan) March 6, 2019
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में राफेल मामले पर सुनवाई जारी है। इस दौरान अटॉर्नी जनरल, जस्टिस केएम जोसेफ से इस बात पर बहस कर रहे हैं कि अवैध रूप से प्राप्त साक्ष्य पर भरोसा किया जा सकता है या नहीं।
अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से कहा कि याचिकाकर्ता चुराए हुए दस्तावेज को सबूत के तौर पर लेकर आए हैं, इस इसपर आपका अलग विचार हो सकता है, लेकिन हमारा इस पर अलग विचार है।