राफेल डील से जुड़े दस्तावेज चोरी होने की बात से कोर्ट ने एक बार बड़ी बात कही है। जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि पहला सवाल यह है कि क्या अदालत को सबूत या दस्तावेज पर गौर नहीं करना चाहिए, अगर भ्रष्टाचार हुआ है?

जिसपर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने रक्षा मामलों की दुहाई देते हुए कहा कि क्योंकि ये मामला रक्षा सौदे से जुड़ा हुआ है ऐस में इस पर कोर्ट को सुनवाई नहीं करनी चाहिए।

मोदी सरकार के वकील ने अदालत से कहा कि दस्तावेज के स्रोत का खुलासा उन लोगों द्वारा किया जाना चाहिए, जिन्होंने इसे प्रकाशित किया था।

जस्टिस केएम जोसेफ ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के तर्क पर जवाब देते हुए कहा, ‘क्या आप भ्रष्टाचार को राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में छुपाना चाहते हैं।

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उन्होंने आगे कहा कि क्या आप कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार की जांच सिर्फ इसलिए ना हो कि सोर्स असंवैधानिक है। हमें सबूतों की जांच करनी होगी। चोरी किए गए सबूत भी महत्वपूर्ण हैं, इसकी जांच होना जरूरी है।

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में राफेल मामले पर सुनवाई जारी है। इस दौरान अटॉर्नी जनरल, जस्टिस केएम जोसेफ से इस बात पर बहस कर रहे हैं कि अवैध रूप से प्राप्त साक्ष्य पर भरोसा किया जा सकता है या नहीं।

अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से कहा कि याचिकाकर्ता चुराए हुए दस्तावेज को सबूत के तौर पर लेकर आए हैं, इस इसपर आपका अलग विचार हो सकता है, लेकिन हमारा इस पर अलग विचार है।

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