नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध सबसे ज़्यादा छात्रों की तरफ़ से देखने को मिल रहा है। अब पुडुचेरी यूनिवर्सिटी के मास कम्युनिकेशन में एमए गोल्ड मेडल विजेता रबीहा अब्दुर्रहीम ने नागरिकता कानून के विरोध में मेडल लेने से मना कर दिया है।
रबीहा ने बताया कि उसने नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया था, जिसकी वजह से उसे दीक्षांत समारोह में उस वक्त एंट्री नहीं मिली जब मंच पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मौजूद थे। छात्रा ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के जाने के बाद ही उसे अंदर जाने की इजाजत दी गई।
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छात्रा के मुताबिक, अंदर जाने पर गोल्ड मेडल लेने के लिए उसे मंच पर बुलाया गया, लेकिन उसने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। छात्रा ने बताया, “मैं स्वर्ण पदक नहीं चाहती क्योंकि भारत में जो कुछ भी हो रहा है वह बदतर है। यह छात्रों और उन सभी लोगों के साथ एकजुटता में है जो CAA-NRC और पुलिस की बर्बरता के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से लड़ रहे हैं”।
इसके साथ ही रबीहा ने उम्मीद जताई है कि मेडल लेने से इनकार करने पर लोगों के बीच एक सकारात्मक संदेश जाएगा। बता दें कि इससे पहले राजस्थान यूनिवर्सिटी और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से भी इसी तरह का मामला सामने आया था।
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राजस्थान यूनिवर्सिटी के टॉपर छात्र अनंत मिश्रा ने नागरिकता कानून का विरोध किया था। अपना विरोध दर्ज कराने के लिए वह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में काली पट्टी बांधकर पहुंचे थे। वहीं बीएचयू के रजत सिंह भी दीक्षांत ने नागरिकता कानून के विरोध में दीक्षांत समारोह में मेडल लेने से इनकार कर दिया था।