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मीडिया बता रहा है कि जो लोग नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध कर रहे हैं, वो इसके बारे में नहीं जानते। CAA का विरोध अफवाहों की बुनियाद पर हो रहा है, जो विपक्ष द्वारा फैलाई जा रही है। लेकिन मीडिया के इन दावों में कितनी सच्चाई है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस कानून का विरोध कई विश्वविद्यालय के टॉपर छात्र कर रहे हैं।

अब काशी हिंदू विश्वविद्यालय के टॉपर छात्र रजत सिंह ने दीक्षांत समारोह में नागरिकता कानून के विरोध में डिग्री लेने से इनकार कर दिया है। इससे पहले राजस्थान विश्वविद्यालय के टॉपर छात्र अनंत मिश्रा ने नागरिकता कानून का विरोध करत हुए काली पट्टी बांधकर गोल्ड मेडल लिया था।

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बीएचयू छात्र रजत सिंह का कहना है कि हम ऐसे सभी सांप्रदायिक कानून का विरोध करते है जो विघटनकारी है। बता दें कि बीते 19 और 20 दिसंबर को बीएचयू और आसपास के इलाकों में CAA-NRC का विरोध हुआ था। इस विरोध पर कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने 69 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। जिसमें कुछ बीएचयू के छात्र भी शामिल हैं।

रजत ने बताया कि बीएचयू में प्रदर्शन के दौरान किसी भी तरह की कोई हिंसा नहीं हुई थी। लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने बीएचयू के छात्रों को डराने के लिए फर्जी मुकदमें लगाए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार हुए छात्रों को भी इस दीक्षांत समारोह में शामिल होना था और उन्हें भी डिग्री लेनी थी लेकिन वह पुलिस की कार्रवाई की वजह से जेल में हैं।

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बता दें कि इससे पहले राजस्थान विश्वविद्यालय के टॉपर छात्र अनंत मिश्रा ने नागरिकता कानून का विरोध किया था। अपना विरोध दर्ज कराने के लिए वह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में काली पट्टी बांधकर पहुंचे थे। उन्हें राज्यपाल कलराज मिश्र ने गोल्ड मेडल दिया था।

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