बनारस में नहीं पहुंची योगी की घोषणाएं, घास खाने को मजबूर हैं ये लोग

कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरा विश्वास संक्रमित हो चुका है। विकसित से लेकर विकासशील देश और अविकसित देशों तक कोरोना वायरस ने अपने पैर पसार लिए हैं।भारत में भी कोरोना वायरस के 600 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।

इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए प्रधानमंत्री ने 21 दिनों के लॉक डाउन डाउन की घोषणा कर दी है। लॉक डाउन की घोषणा के बाद से लोग बेहद परेशान हैं लोगों में कई तरह की आशंकाएं हैं जैसे उन्हें मूलभूत सुविधाएं कैसे मिलेगी वह अपने घर तक कैसे पहुंचेंगे इत्यादि समस्याएं हैं जिनका सामना लोगों को करना पड़ रहा है।

इन समस्याओं से सबसे अधिक गरीब लोगों को जूझना पड़ रहा है क्योंकि गरीबों के पास ना तो संसाधन है और ना ही पैसा। लॉक डाउन के कारण उनके काम भी बंद हैं।

ऐसे में एक खबर आई है कि बनारस के कोइरीपुर में मुसहर जाति के लोग घास खाने को मजबूर हैं। बीते 3 दिनों से उन्होंने अन्न का एक दाना भी नहीं खाया है कोरोनावायरस के चलते इस तरह की खबरों का सामने आना सरकार की नाकामी है। घास खाकर आखिर कोई कैसे रह सकता है।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है। योगी आदित्यनाथ ने अभी तक कोरोनावायरस के चलते बड़े-बड़े ऐलान किए हैं लेकिन बनारस के कोइरीपुर गांव गांव तक पहुंचते-पहुंचते यह ऐलान शून्य हो जाते हैं।

(नोट- विजय विनीत और मनीष मिश्र की विस्तृत रिपोर्ट मूल रूप से जनसंदेश टाइम्स पर छपी हुई है)

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