केंद्र की मोदी सरकार ने अमित शाह के ख़िलाफ़ फैसला लेने वाले जस्टिस अक़ील कुरैशी का तबादला करने का फ़ैसला किया है। जस्टिस कुरैशी को अब 15 नवंबर से पहले बाम्बे हाईकोर्ट ज्वाइन करना होगा। वह फिलहाल गुजरात हाईकोर्ट में एक्टिंग चीफ़ जस्टिस हैं।

केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ़ गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। जस्टिस कुरैशी के तबादले के फैसले के खिलाफ एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर करेगा।

हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष यतिन ओझा का कहना है कि जस्टिस कुरैशी के ट्रांसफर के पीछे उनके लिए गए कुछ फैसले कारण हैं।

कुछ समय पहले जस्टिस अकील कुरैशी ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ फैसले लिए थे। सोहराबुद्दीन केस में अमित शाह के रिमांड की याचिका और लोकायुक्त केस में तत्कालीन गुजरात सरकार के खिलाफ लिए गए फैसलों की वजह से जस्टिस कुरैशी को निशाना बनाया गया।

ग़ौरतलब है कि 1 नवंबर 2018 को कानून मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि गुजरात हाई कोर्ट के जज जस्टिस अक़ील कुरैशी का ट्रांसफर बाम्बे हाईकोर्ट किया जाता है और 15 नवंबर को या इससे पहले ही उनको बाम्बे हाईकोर्ट ज्वाइन करना पड़ेगा।

इसके साथ ही मंत्रालय की ओर से एक और नोटिफिकेशन जारी कर कहा जाता है कि जस्टिस एएस दवे गुजरात हाई के एक्टिंग चीफ जस्टिस होंगे। एक्टिंग चीफ जस्टिस वाले नोटिफिकेशन को लेकर विरोध शुरू हो जाता है। कानून के जानकार कहते हैं की यह नियम के खिलाफ़ है।

नियम के हिसाब से जब कोई  हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस का पद खाली होता है तो हाई कोर्ट के सबसे सीनियर मोस्ट जज एक्टिंग चीफ जस्टिस बनते हैं।

उस हिसाब से गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस, जस्टिस आरएस रेड्डी के सुप्रीम कोर्ट के जज बनने के बाद सबसे सीनियर जज जस्टिस कुरैशी को एक्टिंग चीफ जस्टिस बनना चाहिए था। लेकिन जस्टिस एएस दवे को एक्टिंग चीफ जस्टिस बनाया जाता है।

गुजरात बार एसोसिएशन इस निर्णय का विरोध करते हुए सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है। विरोध को देखते हुए मंत्रालय 2 नवंबर को एक नया नोटिफिकेशन जारी कर जस्टिस दवे को एक्टिंग चीफ़ जस्टिस बनाने पर रोक लगा देता है और कहता है कि फिलहाल जस्टिस कुरैशी ही गुजरात हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस रहेंगे।

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