इस वक़्त जब केंद्र सरकार की कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय प्राईवेट कंपनियों से उनका लेखा-जोखा माँग रही है, उनके वित्तीय लेन-देन की जानकारी के बारे में सख़्त है। तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के लाडले बेटे जयशाह को इस मामले में काफ़ी राहत मिली हुई है।
जयशाह ने अपने वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड पिछले दो वित्तीय सालों में नहीं बताया है। उस पर ग़जब ये है कि न सरकार उनसे सख़्ती से निपट रही है और न ही किसी अख़बार, मैग्ज़ीन, टीवी चैनल में इस बारे में कोई ख़बर चल रही है।
अमित शाह के बेटे पर पहले भी ही गम्भीर आरोप हैं। उनकी 50 हज़ार की कम्पनी पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद 80 करोड़ की हो गई थी। कैसे हुई इसका जवाब आज तक एक रहस्य है।
और अब ये बात सामने आई है कि जयशाह ने वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 में अपनी कंपनी के लेन-देन का लेखा जोखा उजागर नहीं किया है।…
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अब भला कौन जानता है कि जिस तरह हज़ारों की कम्पनी करोड़ो की हो गई। उसी तरह वित्तीय लेन-देन के छुपाने में करोड़ों की टैक्स चोरी नहीं हुई होगी।
कांग्रेस नेता राधिका खेड़ा ने ट्वीट कर सवाल उठाया कि जयशाह अपनी कम्पनी के वित्तीय लेन-देन का ब्योरा क्यों नहीं दे रहे हैं।
राधिका ने लिखा कि, जय शाह की इतनी बेपरवाही के पीछे सिर्फ़ एक ही वजह हो सकती है और वो ये कि मानो कह रहे हों कि तुम जानते नहीं मेरा बाप कौन हैं?