भारतीय रिज़र्व बैंक और मोदी सरकार में चल रही तकरार पर अब पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने आरबीआई की आज़ादी की बात कही है।

उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र और स्वायत्त केन्द्रीय बैंक से देश को फायदा पहुंचता है ऐसे में हमें भारत सरकार और आरबीआई जब एक दूसरे की मंशा और स्वायत्तता का सम्मान करें तभी दोनों में टकराव कम हो सकता है।

एक अंग्रेजी न्यूज़ चैनल को इंटरव्यू देते हुए राजन ने कहा कि जहां तक हमें कोशिश करनी चाहिए कि रिज़र्व बैंक की आज़ादी को बराकर रखा जाये क्योंकि यही देश हित में है ऐसा करना देश की परंपरा रही है।

आरबीआई और सरकार के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। लगातार एक के बाद एक विवादों में आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे की खबरें भी लगातार आ रहीं हैं।

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आरबीआई की स्वसत्ता को लेकर भी वित्त मंत्रालय पहले ही सेक्शन-7 की धमकी आरबीआई को दे चुका है। इस सेक्शन के अनुसार सरकार देशहित में आरबीआई को निर्देश दे सकती है और अपनी ईच्छा आरबीआई से पूरा करा सकती है।

वहीं ये भी कहा जा रहा है कि मोदी सरकार 19 नवंबर को होने वाली आरबीआई बोर्ड बैठक में अपना अहम एजेंडा सामने करते हुए बोर्ड में रिजर्व बैंक गवर्नर की भूमिका को कम करने का काम कर सकती है।

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गौरतलब हो कि मोदी सरकार और रिजर्व बैंक गवर्नर के बीच विवाद की अहम वजह केन्द्रीय रिजर्व बैंक के पास मौजूद  9.6 लाख करोड़ रुपये है। मोदी सरकार का कहना है कि इतनी बड़ी रकम रिजर्व बैंक के रिजर्व खाते में रहने का कोई मतलब नहीं है।

सरकार का कहना है कि सरकार इस खजाने से एक-तिहाई पैसा निकालकर देश में सरकारी बैंकों में नई ऊर्जा का संचार करते हुए देश में कारोबारी तेजी लाना चाहती है। वहीं रिज़र्व बैंक सरकार के इस प्रस्ताव को अपनी स्वायत्तता पर हमला मान रहा है।

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