आरबीआई बनाम मोदी सरकार में सरकार की जीत हुई है। आरबीआई गवर्नर के इस्तीफा देने पर पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने इसपर चिंता व्यक्त की है।

राजन ने कहा कि केंद्रीय बैंकों की आज़ादी के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता और ऐसे वक़्त में आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल का इस्तीफा देना बहुत चिंता की बात है,

राजन ने कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी का इस्तीफा देना एक तरह का विरोध प्रदर्शन है। हमें उनके फैसले का आदर करना चाहिए मगर हमें इसका भी पता लगाना चाहिए की आखिर उन्हें ऐसा फैसला लेने का दबाव किसने बनाया।  

ये पहली बार नहीं है जब राजन ने आरबीआई के किसी मामले पर अपनी राय रखी हो। इससे पहले उन्होंने आरबीआई की आज़ादी पर बोलते हुए कहा कि सरकार अगर आरबीआई पर लचीला रुख अपनाने का दबाव डाल रही हो तो केंद्रीय बैंक के पास ‘ना’ कहने की आजादी है।

उन्होंने कहा था कि आरबीआई को सीटबेल्ट बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार के लिए आरबीआई कार की सीट बेल्ट की तरह है और सरकार इसकी ड्राइवर की तरह, वह चाहे तो सीट बेल्ट पहने, या नहीं, हालांकि, अगर आप सीट बेल्ट नहीं पहनते हैं तो एक्सीडेंट हो सकता है।  

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बता दें कि रघुराम राजन और उर्जित पटेल एक दूसरे करीबी माने जाते है। नोटबंदी से ठीक दो  महीने साल 2016 के अगस्त महीने में उर्जित पटेल को रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाने का ऐलान किया गया था। इससे उर्जित पटेल आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के तौर पर काम कर रहे थे

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