दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश को चौंकाने वाली खबरें देने में ज्यादा मजा आता है। तभी शायद बड़े-बड़े फैसले यूंही ले लेते हैं जिससे लोगों को झटका लग जाता है।

जब नोटबंदी की तो अचानक टेलीविजन पर प्रकट होकर एक ऐसा फैसला सुना दिया जिसे सुनकर दुनिया हैरान रह गई। पूरा देश कुछ चंद समय में सड़कों पर आ गया। बैंकों के सामने लंबी लंबी कतारें लगनी लगी थी।

कुछ ऐसा ही फैसला 2 मार्च की शाम को सुना दिया जिससे पूरा देश एक नई बहस करने लगा। वह फैसला ऐसा है जिसपर उनकी पूरी राजनीति टिकी है।

जिस सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बने। उस सोशल मीडिया को प्रधानमंत्री ने अलविदा कहने का एलान कर दिया।

आज शाम एक ट्विट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि, मैं आने वाले संडे को सोशल मीडिया छोड़ दूंगा

इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब व इंस्ट्राग्राम का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी राजनीति में सोशल मीडिया का बड़ा योगदान है। 2014 में जब वह प्रधानमंत्री बने तो नेताओं को सोशल मीडिया की ताकत का अहसास नहीं था

लेकिन जब वह एक बड़ी जीत दर्ज करके प्रधानमंत्री बने तो सोशल मीडिया पर छोटे-बड़े नेताओं की लाइन लग गई।

हालांकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी के इस ट्वीट पर सलाह देत हुए लिखा कि, नफरत छोड़िए सोशल मीडिया के एकाउंट नहीं

चाहे साल 2014 का आम चुनाव रहा हो या 2019 का। प्रधानमंत्री मोदी की असली ताकत सोशल मीडिया ही रही है। सोशल मीडिया से पब्लिक के बीच टेलिविजन, अखबारों से पहले पहुंचा जा सकता है।

आपको बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया छोड़ने पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।

वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रशून जोशी ने तो मीडिया के बाद सोशल मीडिया पर पांबदी लगाने का शक जताया है। अब आगे देखना होगा प्रधानमंत्री मोदी के सोशल मीडिया छोड़ने की मुख्य वजह क्या रही थी।

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