मोदी सरकार किसानों को खुश करके चुनाव जीतने की तैयारी में है। यही वजह है कि इस बार सरकार किसानों का भला करने का खूब दिखावा किया। सालाना 6000 रुपये देने के ऐलान के बाद सरकार अब विपक्ष के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस राशि को किसानों का अपमान बताया है।

राहुल ने सोशल मीडिया पर लिखा- प्रिय नोमो, आपकी पांच साल की नाकामी और घमंड ने किसानों की जिंदगी को बर्बाद कर दिया है। अब उन्हें हर रोज 17 रुपये की राशि देने का ऐलान करके आपने उनका और उनके काम का अपमान किया है।

इसके बाद राहुल गांधी पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार, आरजेडी नेता मनोज झा के साथ लोकतंत्र बचाओ कार्यक्रम में शामिल हुए जहां उन्होंने कहा कि आप 15 उद्योगपतियों के साढ़े तीन लाख करोड़ माफ़ कर सकते है और किसान के लिए सिर्फ 17 रुपया दे रहे हो, ये क्या बात हुई? ये अपमान नहीं है तो क्या है?

पत्रकारों ने पूछा की क्या विपक्ष मुद्दाविहीन हो गया है? इसपर जवाब देते हुए राहुल ने कहा कि इस बार चुनाव प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार पर होगा यानी राफेल घोटाले पर होगा. हमारे पास मुद्दों की कमी नहीं है हम भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे कई मुद्दों पर चुनाव लड़ेगें।

गौरतलब हो कि मोदी सरकार पर राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही किसानों की कर्जमाफी के ऐलान के बाद काफी दबाव था। जिससे कई तरह के कयास लगाए जा रहें थे की किसानों का आय दोगनी कर देंगें मगर ऐसा कुछ भी नहीं। बल्कि मोदी सरकार ने अपने आखिरी बजट में किसानों को रिझाने की भरपूर कोशिश की है।

पीयूष गोयल ने अपने भाषण में किसानों को सीधे तौर पर आर्थिक मदद देने का ऐलान करते हुए ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ योजना की घोषणा की।

इस योजना के तहत सरकार ने देश के कमजोर और छोटे किसानों को हर साल 6 हजार रुपए देने का ऐलान किया है। इस योजना का फायदा उन्हें ही मिलेगा जिनके पास पास दो हेक्टयर जमीन हैं। यह मदद 2-2 हजार रुपये की तीन किस्तों में दी जाएगी। गोयल ने कहा कि इस योजना के तहत पैसे सीधे किसानों के खाते में जाएंगे।

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