पीएम नरेन्द्र मोदी ने 23 अप्रैल को गुजरात के अहमदाबाद में मतदान किया। मतदान करने से पहले उन्होंने अपनी माँ हीराबेन का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। पीएम का अपनी माँ से आशीर्वाद लेने तक तो ठीक था।लेकिन इसके बाद राजनीतिक हलकों और सोशल मीडिया पर पैर छूने को लेकर चर्चा गरम हो गई। लोगों ने कहा कि फोटो लेना तो ठीक था लेकिन उसकी वीडियो बनाकर मीडिया में प्रसारित करवाने की क्या जरुरत थी?

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने इसपर पीएम मोदी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि, “अपनी माँ से मिलने गए पीएम मोदी अपने साथ न्यूज़ चैनलों को क्यों ले गए?”

अपनी माँ से मिलकर उनके पैर छूना, अपने घर के अंदर साथ मीडिया को लेकर जाना और अभिनेता अक्षय कुमार को कथित गैर-राजनीतिक इन्टरव्यू देना ऐसे ही नहीं हुआ है! ये सब पीएम मोदी का प्रचार करने का तरीका है।

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दरअसल, इन दोनों घटना से ये समझ आता है कि प्रधानमंत्री की एक उदार और गरीब आम आदमी की छवि बनाई जा रही है।

वहीं राज ठाकरे ने चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाते हुए एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने साफ़ कहा कि चुनाव आयोग मोदी की जेब है उनका कोई कुछ नहीं कर सकता।

ठाकरे का ये आरोप कितना सही है और कितना गलत इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वोट करने पहुंचे पीएम मोदी ने मंगलवार को बकायदा रोड-शो किया और फिर बाद में मीडिया से बात करते हुए अपने चित परिचित अंदाज़ में भाषण भी दिया।

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प्रधानमंत्री मोदी ने मतदान के बाद ‘रोड शो’ की तरह लोगों का अभिवादन करते, हाथ हिलाते गए। मोदी अपनी कार के फुट-बोर्ड पर खड़े होकर दोनों तरफ खड़े लोगों को अपनी स्याही लगी अंगुली दिखाई। इसकी तस्वीर मोदी ने ट्विटर पर शेयर भी की है। मोदी ने कुल चार तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा है ‘अहमदाबाद से कुछ और झलकियाँ साझा कर रहा हूं, जहाँ मैंने मतदान किया।

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