लोकसभा चुनावों में बीजेपी को मिले प्रचंड बहुमत के बाद देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ हिंसा की घटनाओं में तेज़ी से बढ़ौतरी हुई है। झारखंड के सरायकेला में भीड़ द्वारा मुस्लिम युवक की हत्या के बाद अब महाराष्ट्र के ठाणे से ‘जय श्री राम’ का नारा न लगाने पर एक मुस्लिम कैब ड्राइवर की पिटाई का मामला सामने आया है।

घटना 23 जून को तड़के तीन बजे की है। कैब ड्राइवर फैज़ल उस्मान खान यात्री लेकर दिवा पूर्व के आगासन रोड स्थित मानव कल्याण अस्पताल गए थे। फैजल लौटने के लिए यात्री की प्रतीक्षा कर रहे थे। तभी अचानक उनकी कार बंद पड़ गई। वह कार स्टार्ट करने का प्रयास कर रहे थे कि तभी स्कूटी सवार मंगेश चंद्रकांत मुंडे (30), अनिल राजाराम सूर्यवंशी (22) और जयदीप नारायण मुंडे (26) उनके पास आए।

उन्होंने सड़क पर कार खड़ी करने के बारे में पूछताछ की और उसका नाम पूछा। जैसे ही फैज़ल ने अपना नाम बताया, तीनों ने लात-घूसों से उसकी पिटाई शुरु कर दी। इतना ही नहीं आरोप है कि तीनों ने फैज़ल पर जबरन जय श्रीराम बोलने का दबाव भी बनाया। आरोपियों के चंगुल से छूटने के बाद फैज़ल मुंब्रा पुलिस थाने पहुंचे और तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

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पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। आरोपियों ने पुलिस को यह भी बताया कि जिस वक्त उन्होंने ड्राइवर की पिटाई की थी उस वक्त वे नशे में थे। आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 29 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

इस घटना पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, “अब ठाणे के एक टैक्सी ड्राइवर को पीटा गया और जय श्री राम का जाप करने के लिए मजबूर किया गया। हम इस पागलपन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, उससे पहले और कितने हेट क्राइम होंगे? और मुझे ’सेलेक्टिव’ आक्रोश की बकवास न दें: धार्मिक घृणा द्वारा संचालित सभी अपराध की निंदा की जानी चाहिए, छोड़ा नहीं जाना चाहिए। बहोत हो चुका!” 

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