राफेल के मुद्दे पर नया ख़ुलासा करने के बाद ‘द हिंदू’ समूह के अध्यक्ष एन राम बीजेपी की साइबर आर्मी के निशाने पर आ गए हैं। साइबर सेल के लोग उन्हें इस ख़बर के लिए धमकियां देने के साथ ही गंदी-गंदी गालियां देते नज़र आ रहे हैं।
बीजेपी साइबर आर्मी की इस हरकत पर समाजसेवी एवं लेखक राम पुनियानी ने कटाक्ष किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “बस अब N Ram पर, राम जी की कृपा और अमित शाह भाई की दूरी, दोनों ज़रूरी हैं”!
बस अब N Ram पर, राम जी की कृपा और
अमित शाह भाई की दूरी, दोनों ज़रूरी हैं!https://t.co/SMp2xuEllc— Dr. Ram Puniyani رام پنیانی (@Rampuniyani1945) February 8, 2019
इससे पहले इस मामले में सरकार का बचाव करते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘द हिंदू’ की नीयत पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था, ‘उस ख़बर में रक्षा सचिव द्वारा उठाए गए मुद्दे के जवाब में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की टिप्पणी को भी शामिल किया जाना चाहिए था।’
उनके मुताबिक, ख़बर एकतरफ़ा है, जिसमें तत्कालीन रक्षा मंत्री की टिप्पणी को शामिल नहीं किया गया है और परिप्रेक्ष्य से काट कर लिखा गया है।’
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ऐसा पहली बार नहीं है जब सरकार ने किसी मामले में फंसने के बाद उसपर सवाल उठाने वाली रिपोर्ट को ही कटघरे में खड़ा कर दिया हो। इससे पहले मोदी सरकार ग़रीबी, बेरोज़गारी और महिला सुरक्षा को लेकर पेश की गई कई अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट्स की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर चुकी है।
रक्षा मंत्री ने ख़बर छपने के फ़ौरन बाद ही इसपर सवालिया निशान लगाकर यह तो साफ़ कर दिया है कि वह इस मामले को हल्का करना चाहती हैं। लेकिन रक्षा मंत्री के इन आरोपों का ‘द हिन्दू’ समूह के अध्यक्ष एन राम ने जवाब देकर उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया।
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एन राम ने सीतारमण की आपत्तियों का जवाब देते हुए कहा, ‘यह ख़बर अपने आप में पूरी है। इसमें मनोहर पर्रिकर की टिप्पणी देने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि उनकी भूमिका के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। पर्रिकर की भूमिका की अलग जांच की ज़रूरत है।’
इसके साथ ही एन राम ने सीतारमण को सलाह देते हुए कहा, ‘मैं उन्हें सलाह देना चाहूंगा कि आप रफ़ाल सौदे के लेन-देन में नहीं थीं, उसे उचित ठहराने का बोझ क्यों उठाई हुई हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस मामले में फंस चुकी है, इसलिए मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।