
यूपी के बुलंदशहर में कथित गोकशी के मामले में पुलिस और हिंदुत्ववादी संगठन के लोगों के बीच झड़प हो गई। झड़प के दौरान हिंदुत्ववादी संगठन के लोगों ने एक पुलिसकर्मी की पीट-पीटकर हत्या कर दी और पुलिस चौंकी को फूंक डाला। इस घटना में चार अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
मामला बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र का है। जहां कथित तौर पर गोवंश के अवशेष मिलने पर कई हिंदुत्ववादी संगठन के लोग भड़क उठे। गुस्साए लोग घटनास्थल पर पहुंचे और गोवंश के कटे अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंच गए। जिसके बाद बजरंग दल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी (हियुवा) के कार्यकर्ताओं ने यहां जमकर बवाल काटा।
पुलिस ने जब इन प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो यह पुलिस पर ही टूट पड़े। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कोतवाल सुबोध कुमार को बेरहमी से पीटा और चौकी को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों की इस पिटाई से कुमार बुरी तरह घायल हो गए। इसके बाद कुमार को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि झड़प के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर फायरिंग भी की, जिसमें एक पुलिसकर्मी को गोली लग गई। वहीं पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई।
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इस घटना के बाद सूबे की योगी सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी नेताओं से लेकर कई पत्रकारों ने भीड़ द्वारा पुलिसकर्मी को मारे जाने के लिए योगी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है। अब कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सीएम योगी ने यूपी को अराजक तत्वों के हवाले कर दिया है और ख़ुद दूसरे राज्यों में जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “बुलन्दशहर में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या दु:खदायी व शर्मनाक है। श्री आदित्यनाथ U.P को अराजक तत्वों के हवाले कर चुनाव भ्रमण में व्यस्त हैं और क़ानून व्यवस्था का दिवाला निकल गया है। क़ानून का शासन नहीं, भीड़तंत्र की बेलगाम हिंसा अब भाजपा सरकारों की असल पहचान हैं”।
बुलन्दशहर में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या दु:खदायी व शर्मनाक है।
श्री आदित्यनाथ U.P को अराजक तत्वों के हवाले कर चुनाव भ्रमण में व्यस्त हैं और क़ानून व्यवस्था का दिवाला निकल गया है।
क़ानून का शासन नहीं, भीड़तंत्र की बेलगाम हिंसा अब भाजपा सरकारों की असल पहचान हैं। pic.twitter.com/2GjJvOiDdT
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) December 3, 2018