व्यापमं के बाद मध्यप्रदेश अब एक और घोटाले को लेकर चर्चा में है। यहां अब एक बड़ा राशन घोटाला सामने आया है।

टेक होम राशन स्कीम के तहत बड़े पैमाने पर घोटाला खुलासा हुआ है. मध्यप्रदेश के महालेखाकार ने इस योजना में फर्ज़ीवाड़ा की तरफ इशारा किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, जिन ट्रकों से 1100 टन के पोषण आहार का परिवहन बताया गया है वे असल में मोटर साइकिल और स्कूटर के निकले हैं। यानि कंपनियों ने मोटर साइकिल से ट्रक की क्षमता का पोषण आहार ढोने का कारनामा किया है।

कहा जा रहा है कि ये राशन घोटाला बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले की तर्ज पर हुआ है. इस बात का खुलासा एकाउंटेंट जनरल की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग 110.83 करोड़ रुपए का पोषण आहार कागज़ों में ही बांट दिया गया है।

ऑडिट रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिन ट्रकों से पोषण आहार का परिवहन बताया गया है वो मोटर साइकिल और स्कूटर के निकले हैं। यही नहीं, फर्ज़ी परिवहन के लिए कंपनियों को 7 करोड़ रुपए भी अफसरों ने दे दिए हैं।

दरअसल मध्यप्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत काम करने वाली आंगनबाड़ियों में कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार बांटा जाता है। यही पोषण आहार पहुंचाने की ज़िम्मेदारी निजी कंपनियों को दी गई है।

जांच रिपोर्ट में भोपाल, छिंदवाड़ा, धार, झाबुआ, रीवा, सागर सतना और शिवपुरी ज़िलों में 97 हज़ार मीट्रिक टन पोषण आहार स्टॉक होना बताया था। जबकि 87 हजार मीट्रिक टन पोषण आहार बांटना बताया। यानी कि करीब 10 हज़ार टन आहार गायब है, इसकी कीमत लगभग 62 करोड़ रुपए है।

हालांकि इस घोटाले पर राज्य सरकार चारों तरफ़ से घिरी है लेकिन मध्यप्रदेश सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि रिपोर्ट की जांच की जाएगी। फिलहाल किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए।

एक तरह से घोटाले पर सरकार बचती हुई नज़र आ रही है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इसे आखिरी रिपोर्ट ना माना जाए, जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

एमपी एजी ने अपनी रिपोर्ट में टेक होम राशन उत्पादन, परिवहन, वितरण और गुणवत्ता नियंत्रण में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी/ दुरुपयोग के मामले में संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की सिफारिश की है।

रिपोर्ट में कहा गया कि सीडीपीओ, डीपीओ, प्लांट अधिकारी और परिवहन की व्यवस्था करने वाले अधिकारी, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस धोखाधड़ी में शामिल थे।

बता दें महिला एवं बाल विकास विभाग इमरती देवी के उपचुनाव हारने के बाद से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पास ही है।

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