प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मंत्रिमंडल विस्तार में 36 नए चेहरे शामिल किए हैं। महामारी और अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर केंद्र सरकार हर तरफ से घिर चुकी थी।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को तो हटा दिया गया, लेकिन निर्मला सीतारमन अब भी वित्त मंत्रालय में बनी हुई हैं।

सबसे चौकाने वाले इस्तीफे प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद के रहे।

देर शाम शपथ ग्रहण समारोह के ठीक पहले इन दोनों नेताओं का इस्तीफा सामने आया। दोनों ही नेताओं के पास तीन-तीन मंत्रालयों की कमान थी।

रविशंकर प्रसाद आईटी, कानून एवं न्याय और संचार मंत्री थे, वहीं प्रकाश जावड़ेकर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन और सूचना प्रसारण मंत्री थे।

रोचक बात ये है कि दोनों ने विस्तार के बाद बने नए मंत्रिमंडल के किसी भी मंत्री को अब तक बधाई नहीं दी है। साथ ही इस पूरे मामले पर एक ट्वीट तक नहीं किया है।

इससे इतना जरूर साफ होता है कि दोनों नेताओं का भाजपा के भीतर कुछ ना कुछ विवाद जरूर चल रहा है।

तभी पहले दोनों को मंत्रिमंडल से हटा दिया गया और उसके बाद उन दोनों ने 36 नए सदस्यों को मंत्रिमंडल में शामिल होने की बधाई भी नहीं दी।

साथ ही साथ मंत्रिमंडल विस्तार जैसे बड़े मौके पर एक ट्वीट भी नहीं किया।

गोदी मीडिया भी इस पर अब तक शांत बैठा है। ना ही टीवी पर लंबी बहसें होंगी ना ही पार्टी के नेतृत्व से सवाल किए जाएंगे। हां, अगर ये कांग्रेस में होता तो जरूर गोदी मीडिया बाल की खाल निकालने में व्यस्त हो जाता।

फिलहाल अब तक भाजपा के किसी नेता ने इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं की है। सभी नए मंत्रियों के पहले दिन मंत्रालय जाने की बधाइयों और तस्वीरों में व्यस्त हैं।

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