लोकसभा चुनाव मैराथन लगभग अपने आखिरी ट्रेक पर है। पांच चरण बीत गए हैं। इस बार के आम चुनाव की ख़ास बात ये रही कि इस चुनाव का हिस्सा न केवल नेता बने बल्कि उनके परिवार के लोग भी चुनावी चर्चा में आते-जाते रहे। ये नेता आए दिन अपने भाषण में एक दूसरे को बदनाम करने का मौका नहीं छोड़ते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बीच अपना नाम सुर्ख़ियों में दर्ज कराने में कामयाब हुए।
नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तरप्रदेश में एक रैली को सम्बोधित करने के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को ‘भ्रष्टाचारी नंबर 1 ‘ कहा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी रफ़ाएल सौदे में हुए घोटाले के लिए बार-बार मोदी को अपने निशाने पर लेते हैं.
इसी कड़ी में मोदी ने भी अपना दांव चला और राजीव गांधी के बहाने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर तंज कसा. उन्होंने कहा, ‘आपके पिता को उनके दरबारियों द्वारा मिस्टर क्लीन करार दिया गया था, लेकिन उनका जीवन ‘भृष्टाचार्य नंबर 1′ के रूप में समाप्त हो गया।’
सत्तापक्ष पार्टी यहीं नहीं रुकी. दूसरे की छवि को मटमैला करने और अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए बीजेपी हर हद तोड़ चुकी है। मोदी द्वारा ‘भ्रष्टाचारी नंबर 1′ का टैग देने के बाद अब बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा ने रविवार को अपने विवादित बयान से मामले को आग दी।
उन्होंने राजीव गांधी पर मोब लिंचर होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी सही कह रहे हैं कि राजीव गांधी भ्रष्टाचारी नंबर एक थे, लेकिन वे भारत के सबसे बड़े मॉब लिंचर भी थे।’
पार्टी में कई साल तक सक्रीय रहे और वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेई राजीव गांधी को अपना ख़ास मानते थे। यहां तक की बाजपाई ने राजीव गांधी को अपने जीवित होने की वजह करार दिया था। उन्होंने कहा था, ‘जब राजीव गांधी पीएम थे, तो उन्हें किसी तरह पता चला कि मुझे किडनी की समस्या है।
उन्होंने मुझे अपने कार्यालय में बुलाया और कहा कि वह मुझे भारत के प्रतिनिधिमंडल में यूएन में शामिल करने जा रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि मैं इलाज कराने के अवसर का उपयोग करूंगा।
मै न्यूयॉर्क गया और यही एक कारण है कि मैं आज भी जीवित हूं।’ लेकिन शायद बीजेपी के नेता अपनी पढाई पूरी नहीं करते। दूसरों की डिग्री पर उंगली उठाने में सबसे आगे रहते हैं, पर खुद अपनी पार्टी के विषयों की जानकारी नहीं रखते।