
प्रधानमंत्री मोदी भाजपा के स्टार प्रचारक हैं। हर चुनाव में वो बढ़-चढ़कर अपनी पार्टी के लिए रैलियां करते हैं। हाल ही में खत्म हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी उनका कुछ ऐसा ही रोल देखने को मिला।
प्रधानमंत्री ने अपने बाकी काम-काज छोड़कर मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में भाजपा का जमकर प्रचार किया। फिर भी भाजपा वहां पर फेल हो गयी और हार का सामना करना पड़ा।
इंडियास्पेंड की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा 70 प्रतिशत से ज्यादा उन निर्वाचन क्षेत्रों में हारी है जहाँ नरेंद्र मोदी ने प्रचार किया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी ने जितनी रैली पांचो राज्यों में की थी, उसमें से 70 प्रतिशत रैली तो केवल मध्य प्रदेश और राजस्थान में की थी। फिर भी भाजपा को इन दोनों राज्यों में मोदी की रैली वाली 54 में से केवल 22 सीटें ही मिलीं।
छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में नरेंद्र मोदी ने 8 रैलियां की थी जिसके अंतर्गत 26 विधानसभा सीटें आती हैं, मगर इन सीटों में से बीजेपी को सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली।
दरअसल नवम्बर और दिसंबर में पांच राज्यों में चुनाव हुए। वो पांच राज्य थे राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम और तेलंगाना। ये चुनाव 2019 के लोक सभा चुनावों के कुछ महीने पहले हुए हैं, इसलिए इनके नतीजे और भी मायने रखते हैं।
इनमें से 2 राज्यों में भाजपा की काफी लम्बे समय से सरकार थी। फिर भी यहाँ पर मोदी-फैक्टर ने काम नहीं किया। इससे आंकलन किया जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी का जादू गायब हो रहा है।
केवल प्रधानमंत्री ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के मुख्या मंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी भाजपा के लिए इन चुनावों में खूब प्रचार किया। लेकिन उनके द्वारा किया हुआ प्रचार भी फेल हो गया।
जहाँ-जहाँ पर आदित्यनाथ ने भाजपा के लिए रैलियां की थी, वहां भी उनकी पार्टी कोई ख़ास बढ़त नहीं बनाई।
योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के लिए 4 राज्यों में 58 रैलियां की थीं। इनमें से भाजपा केवल 27 सीट ही जीत पायी।
इन विधानसभा चुनावों में ना तो भाजपा लहर चली, ना मोदी और ना ही योगी लहर। ऊपर दिए गए आकड़ों से साफ़ पता चलता है की चेहरे के नाम पर चुनाव जीत रही भाजपा को अब अपनी रणनीति पर एक बार फिर विचार करने की ज़रूरत है।