वाराणसी से तेजबहादुर की उम्मीदवारी रद्द हो चुकी है। इसके पीछे कि वजह थी ज़िला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह द्वारा भेजे गया नोटिस जिसमें कहा गया कि ये गलती खुद तेजबहादुर ने फॉर्म भरने के दौरान की। उन्होंने “क्या आपको सरकारी सेवा से भ्रष्टाचार या देशद्रोह के आरोप में कभी बर्ख़ास्त किया गया है? सवाल पर हाँ लिख दिया था।

दरअसल चुनाव आयोग के अनुसार जब तेजबहादुर यादव ने बतौर निर्दलीय अपना नामांकन भरा था तो पर्चा भरने में गलती कर दी थी। हालाकिं बाद में तेजबहादुर ने अपनी गलती मानते हुए शपथ पत्र भी दायर किया था।

जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार तेज बहादुर ने जब 29 अप्रैल को दूसरा नामांकन भा तो उसके साथ उन्होंने एक शपथ पत्र दायर किया। इस हलफ़नामे में उन्होंने कहा कि 24 अप्रैल को जो नामांकन पत्र दाखिल किया था उसमे ‘हाँ’ ग़लती से लिखने की बात कही थी।

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तेजबहादुर का नामांकन रद्द होने पर राजद ने पीएम मोदी को आड़े हाथों लिया। सोशल मीडिया पर राजद ने लिखा- जब से तेज बहादुर ने कहा कि जीतने के बाद पुलवामा धमाके की जाँच करवाएँगे, मोदी की सारी हवा ही निकल गई थी! सो नामांकन ही रद्द करवा दिया।

बता दें कि ऐसा दावा किया जा रहा था कि तेजबहादुर पीएम मोदी को वाराणसी लोकसभा सीट से कड़ी चुनौती दे रहे थे, इसलिए चुनाव आयोग ने उनकी उम्मीदवारी को ही तकनीकि दांवपेंच से रद्द कर दिया।

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