देश बुरे दौर से गुजर रहा है। एक तो कोरोना की महामारी और दूसरी ओर सरकारी लापरवाही। जब कोरोना से लड़ने का वक्त था तब सरकार चुनाव प्रचार में व्यस्त थी।

आज जब चारों ओर हाहाकार है, मौत है, मातम है, चीख-चित्कार है तो वैसे माहौल में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो कह रहे हैं कि कितना भी चिल्ला लो, आएगा तो मोदी ही।

ये रिमाइंडर है 2 साल पहले पॉपुलर हुए नारे का, जब लोकसभा चुनाव में भाजपा समर्थक कहते फिरते आएगा तो मोदी ही।

क्या सचमुच देश ऐसी स्थिति में आकर खड़ा हो गया है कि सब कुछ बर्बाद हो जाए, तहस नहस हो जाए, भस्म हो जाए लेकिन आएगा तो मोदी ही !

कोरोना से होने वाली मौतों के इस विकट दौर में इस नारेबाजी की शुरुआत की पीएम मोदी के चाटुकार के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले सिने अभिनेता अनुपम खेर ने।

दरअसल एक व्यक्ति ने लिखा था कि कोरेाना की महामारी में ऑक्सीजन की कमी हो रही है। अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहा है। इस पर रिप्लाई करते हुए अनुपम ने कहा कि घबराइए मत, आएगा तो मोदी ही !

इस पर पूर्व पत्रकार और वर्तमान RLD नेता प्रशांत कनौजिया ने ट्वीट किया “आएगा तो मोदी ही, ये नारा एक बार अस्पतालों के बाहर खड़े परिजनों के सामने लगा कर दिखाओ, उसके बाद जवाब खुद ब खुद ही मिल जाएगा।”

 

वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अलका लांबा ने कहा कि अनुपम खेर जी बोल रहे हैं कि तुम सब कितना भी चीख लो, चिल्ला लो, आएगा तो मोदी ही !

हालांकि अनुपम खेर का देश में मचे इस हाहाकार के बीच आएगा तो मोदी ही कहना बहुत भारी पड़ा। देश के लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया। अधिकांश लोगों ने अनुपम खेर के इस प्रतिक्रिया की जमकर निंदा की।

दरअसल स्थिति यह हो गई है कि भाजपा और मोदी समर्थकों को लगने लगा है कि यह देश जैसे नोटबंदी की त्रासदी को भूल गया।

लोग अपने सारे दुख, दर्द और तकलीफें भूला बैठें, ठीक वैसे ही वो कोरोना की महामारी और इन सामूहिक मौतों को भूल पाएंगे।

भाजपा समर्थको को लगता है कि मोदी एक बार फिर से हिंदू मुसलमान और मंदिर मस्जिद की राजनीति करेंगे और सब लोग अपने दुख दर्द को भूल कर धर्म के नाम पर वोट करेंगे और मोदी एक बार फिर से आ जाएंगे।

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