गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी इस्तीफा देने के लिए तैयार थे। मगर कुछ ऐसा हुआ की लाल कृष्ण आडवाणी ने मोदी का समर्थन किया और वो सीएम बने रहें है। सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक में ये बात अक्सर कही जाती है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी ने नरेंद्र मोदी को राजधर्म निभाने की बात कही।
खुद मोदी भी कहते रहे हैं कि अगर राष्ट्र राजनीति में मोदी आया तो आडवाणी जी की ही देन है। अब ऐसा क्या हुआ की बीजेपी की पहली लिस्ट में जब आडवाणी की सीट बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को दे दी गई इसके पीछे सिर्फ आडवाणी की बढ़ती उम्र का बहाने जनता को बता दिया गया है।
अमित शाह के लिए कटी आडवाणी की टिकट, अल्का बोलीं- BJP को जन्म देने वाले का मोदी ने किया अपमान
पत्रकार साक्षी जोशी ने आडवाणी की घटती अहमियत पर टिप्पणी करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा- आदरणीय आडवाणी जी, गुजरात दंगों के बाद अटल जी ने मोदी जी को राजधर्म का पाठ सिखाया था।
उस वक्त आपने मोदी का बचाव नहीं किया होता तो शायद आज आपकी ये दुर्गति नहीं होती। किसी ने सही कहा है-जो आप बोते हैं, वही आपको काटना भी पड़ता है।
आदरणीय आडवाणी जी ,
गुजरात दंगों के बाद अटल जी ने मोदी जी को राजधर्म का पाठ सिखाया था।उस वक्त आपने मोदी का बचाव नहीं किया होता तो शायद आज आपकी ये दुर्गति नहीं होती।किसी ने सही कहा है – जो आप बोते हैं , वही आपको काटना भी पड़ता है।— Jagrook Matdata Sakshi Joshi (@sakshijoshii) March 22, 2019
ये बात बिलकुल सही है कि अटल विहारी वाजपयी ने नरेंद्र मोदी से गुजरात दंगों के बाद इस्तीफा माँगा था। मगर आडवाणी समेत पार्टी के कई बड़े नेता मोदी के समर्थन में आ गए थे और फिर नरेंद्र मोदी का इस्तीफा नहीं हुआ और उसके बाद नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बन गए। मोदी के इस्तीफे की कहानी आडवाणी ने अपनी किताब में दर्ज की है।