पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मौजूदा कमेंटेटर संजय मांजरेकर को बीसीसीआई ने कमेंटरी पैनल से हटा दिया है। बीसीसीआई के इस फैसले पर मांजरेकर ने ट्विटर के ज़रिए प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने लिखा, “मैंने हमेशा ही कमेंट्री को सम्मान माना है, लेकिन कभी मैंने इसपर हक़ नहीं जताया। यह मेरे नियोक्ता पर निर्भर है कि वे मुझे इस काम के लिए चुनते हैं या नहीं और मैं हमेशा ही इसका सम्मान करूंगा। हो सकता है कि बीसीसीआई मेरे काम से खुश नहीं रही हो। पेशेवर तौर पर मैं बोर्ड के फैसले को स्वीकार करता हूं”।
I have always considered commentary as a great privilege, but never an entitlement. It is up to my employers whether they choose to have me or not & I will always respect that. Maybe BCCI has not been happy with my performance of late. I accept that as a professional.
— Sanjay Manjrekar (@sanjaymanjrekar) March 15, 2020
कमेंटरी की दुनिया में मांजरेकर एक बड़ा नाम हैं। ऐसे में अचानक बीसीसीआई द्वारा उन्हें कमेंट्री पैलन से हटाए पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि मांजरेकर को रवीन्द्र जडेजा और कमेंटेटर हर्षा भोगले पर विवादित टिप्पणी करने की वजह से बाहर का रास्ता दिखाया गया।
वहीं सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स का ये भी मानना है कि उन्हें कमेंट्री पैनल से इसलिए हटाया गया क्योंकि हाल ही में उन्होंने जेएनयू का समर्थन किया था। दरअसल, मांजरेकर ने जेएनयू के उन छात्रों के समर्थन में एक ट्वीट किया था, जिन्हें जनवरी में एबीवीपी से जुड़े कार्यकर्ताओं ने कैंपस में घुसकर बेरहमी से पीटा था।
Well done Mumbai! https://t.co/IpVWhpd3A9
— Sanjay Manjrekar (@sanjaymanjrekar) January 7, 2020
सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने दावा किया है कि मांजरेकर के इसी ट्वीट की वजह से उन्हें बीसीसीआई के सचिव जय शाह जय शाह ने सज़ा दी है। बता दें कि जय शाह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे हैं। जनवरी में जेएनयू के वामपंथी छात्रों पर हुए हमले के बाद अमित शाह को कटघरे में खड़ा किया गया था।
— Farrukh Nadeem فرخ ندیم (@nadeemfarrukh78) March 15, 2020